
बस्ती। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की 61वीं पुण्यतिथि पर कबीर साहित्य सेवा संस्थान द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संस्थान के अध्यक्ष मो. सामईन फारूकी के संयोजन में कलेक्ट्रेट परिसर के निकट संपन्न हुआ। कार्यक्रम में वक्ताओं ने पंडित नेहरू के योगदान को याद करते हुए उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता बताया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक एवं साहित्यकार डॉ. वी.के. वर्मा ने अपने संबोधन में कहा,
“पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत को विश्वपटल पर एक प्रतिष्ठित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और मेहनती प्रकृति को नई दिशा दी। उनके नेतृत्व में भारत ने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया और आधुनिक भारत की नींव रखी।”
डॉ. वर्मा ने यह भी कहा कि आजाद भारत के सामने अनेकों चुनौतियां थीं—शिक्षा, सुरक्षा, रोजगार, आधारभूत संरचना, कृषि, उद्योग और सामाजिक उत्थान जैसे क्षेत्रों में ठोस काम की आवश्यकता थी।
“नेहरू जी ने इन सभी समस्याओं को अवसर में बदला और एक मजबूत, विकसित भारत की नींव रखी,” उन्होंने जोड़ा।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा,
“पंडित नेहरू भारत भूमि के अनमोल रत्न थे। उनकी भूमिका न केवल स्वतंत्रता संग्राम में बल्कि देश के नवनिर्माण में भी अतुलनीय रही। लोकतंत्र को उन्होंने राष्ट्र के विकास का मूलमंत्र बनाया और अपनी विद्वता से भारत को विचार और सिद्धांतों का मजबूत आधार दिया।”
उन्होंने नेहरू की लेखनी की भी सराहना करते हुए उनकी रचनाओं ‘विश्व इतिहास की झलक’ और ‘भारत एक खोज’ का उल्लेख किया और कहा कि,
“इन पुस्तकों में उनके चिंतन और व्यापक दृष्टिकोण की झलक मिलती है। उनका योगदान युगों तक स्मरणीय रहेगा।”
कार्यक्रम में पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से चन्द्रमोहन लाल श्रीवास्तव, रामभरत, फूलचंद चौधरी, रामकिशोर यादव, रामनारायण यादव, मनीराम यादव और दीनानाथ यादव आदि शामिल रहे।