
•109 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस, लाखों अनुयायियों में शोक की लहर।
बल्दीराय/सुल्तानपुर। सत्यसांई पंथ के प्रख्यात संत, वीतरागी महात्मा और चंदौर आश्रम के महंथ दाता अनमोल शाह अब हमारे बीच नहीं रहे। मंगलवार की देर रात 109 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर जैसे ही फैली, न केवल सुल्तानपुर जनपद, बल्कि देश-विदेश तक फैले लाखों अनुयायियों में गहरा शोक व्याप्त हो गया। श्रद्धालुओं ने इसे अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि दाता अनमोल शाह का जीवन सेवा, साधना और समाज के कल्याण को समर्पित था।
अचानक बिगड़ा स्वास्थ्य, लखनऊ में निधन
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दो सितंबर की सुबह अचानक उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। शिष्यों ने तत्काल उन्हें लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने लगातार प्रयास किया, किंतु बीती रात ग्यारह बजकर अठावन मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस समाचार के बाद शिष्यगण उन्हें अर्जुनगंज स्थित साईं दाता आश्रम लेकर पहुंचे, जहां भक्तों की उपस्थिति में उन्होंने अंतिम सांस ली।
चंदौर आश्रम में उमड़ा जनसैलाब
दाता अनमोल शाह के “पर्दा“ (मृत्यु) की खबर मिलते ही चंदौर आश्रम परिसर में अनुयायियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु अपने प्रिय गुरु के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े और वातावरण पूरी तरह शोकमग्न हो गया। भक्तों की आंखें नम थीं और हर कोई उन्हें याद कर भावुक हो उठा। लोगों का कहना था कि दाता अनमोल शाह ने अपना संपूर्ण जीवन मानवता और साईं धर्म की सेवा में न्योछावर कर दिया।
साईं पंथ का सबसे बड़ा केंद्र चंदौर आश्रम
वर्तमान समय में साईं पंथ का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित आश्रम चंदौर ही माना जाता है। इसकी शाखाएं न केवल सुल्तानपुर जनपद में, बल्कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों, अन्य राज्यों और यहां तक कि पड़ोसी देश नेपाल तक फैली हुई हैं। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था इस आश्रम से गहराई से जुड़ी हुई है। यही कारण है कि उनके निधन की खबर सुनकर दूर-दराज़ से लोग अंतिम दर्शन के लिए चंदौर पहुंच रहे हैं।
मानवता और भाईचारे का संदेश
आश्रम से जुड़े शिष्यों ने बताया कि दाता अनमोल शाह ने सदैव मानवता, परोपकार और भाईचारे का संदेश दिया। वे अक्सर अपने शिष्यों को यही उपदेश देते थेकृ “माता-पिता की सेवा करो, साईं-साईं करो।” उनकी शिक्षा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंची और लाखों लोगों को धर्म, सेवा और त्याग की ओर प्रेरित किया। उनके मार्गदर्शन में चंदौर आश्रम न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देता रहा।
अंतिम संस्कार की तैयारी आज
शिष्यों और ग्रामवासियों के अनुसार, दाता अनमोल शाह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार (मिट्टी) आज गुरुवार को किया जाएगा। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राज सिंह एवं दिव्यराज सिंह (लकी) प्रधान खारा सहित सैकड़ों ग्रामवासी और शिष्य अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे हुए हैं। सेवाभाव और अनुशासन के साथ श्रद्धालु गुरु की अंतिम यात्रा को भव्य और गरिमामयी बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
अनुयायियों की श्रद्धांजलि
साईं पंथ के साधकों ने कहा कि भले ही दाता अनमोल शाह ने भौतिक देह का त्याग कर दिया हो, किंतु उनकी आत्मा और उनके उपदेश सदैव अनुयायियों को धर्म, सेवा और सत्य के मार्ग पर प्रेरित करते रहेंगे। उनका जाना एक युग का अंत है, लेकिन उनकी शिक्षाएं और आशीर्वाद हमेशा समाज को मार्गदर्शन देते रहेंगे।