
वॉशिंगटन। ईरान पर अमेरिकी हमले की आशंकाओं के बीच वाशिंगटन डीसी में डूम्सडे प्लेन देखा गया। इज़रायल-ईरान संघर्ष के बीच यह किसी बड़े संकेत की ओर इशारा कर रहा है। वाशिंगटन डीसी जॉइंट बेस एंड्रयूज की ओर उड़ते डूम्सडे विमानों को देखकर हलचल मच गई है। अमेरिका के ई-4बी नाइटवॉच विमान को ‘डूम्सडे प्लेन’ के नाम से जाना जाता है। इसे मंगलवार को अमेरिका के लुइसियाना से मैरीलैंड की अप्रत्याशित उड़ान भरते देखा गया।
यह विमान परमाणु विस्फोटों, साइबर हमलों और विद्युत-चुंबकीय हस्तक्षेप को झेलने में सक्षम होता है। इतना ही नहीं, यह जरूरत पड़ने पर जवाबी कार्रवाई का समन्वय कर सकता है। इससे इसकी घातक क्षमता का अंदाजा लगा सकते हैं। इस पर अगर कोई परमाणु बम से हमला भी कर दे तो यह विमान बेअसर रहता है। दुश्मन देश पर सभी तरह के हमले करने में सक्षम है। वाशिंगटन में अचानक इस विमान के देखे जाने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के खतरनाक इरादों से ईरान थर्रा उठा है। हालांकि ई-4बी विमानों का बेड़ा नियमित रूप से अभ्यास उड़ानों पर जाता है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह विशेष उड़ान पश्चिम एशिया में लंबे युद्ध की आशंका के बीच सुरक्षा चिंताओं से जुड़ी हो सकती है।
राष्ट्रपति ट्रंप से 1 दिन पहले जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह ईरान पर हमला करेंगे तो इस पर उनका जवाब था कि कर भी सकते हैं और नहीं भी। इससे ईरान बड़ी आशंका और दहशत में है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान पर हमला करने की संभावनाओं के बीच मंगलवार रात वॉशिंगटन डीसी स्थित जॉइंट बेस एंड्रयूज की ओर उड़ते हुए अमेरिका के डूम्सडे प्लेन को देखे जाने से कई तरह की आशंकाओं ने जन्म ले लिया है। डूम्सडे प्लेन की इस उड़ान ने यह सवाल एक बार फिर खड़ा कर दिया है कि क्या अमेरिका संभावित पूर्ण युद्ध की तैयारी कर रहा है?
इजरायल-ईरान जंग के बीच तेहरान और वाशिंगटन के बीच भारी तनाव पैदा हो गया है। ट्रंप पहले भी कई बार यह संकेत दे चुके हैं कि अमेरिका को इज़रायल के साथ मिलकर ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बना सकता है। इसके जवाब में ईरान के सर्वोच्च नेता ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका कोई हमला करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस स्थिति ने ट्रंप और वैश्विक नेताओं को एक कठिन मोड़ पर ला कर खड़ा कर दिया है। एक तरफ ट्रंप एक और युद्ध से अमेरिका को बचाने की भी बात करते हैं, लेकिन साथ ही ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना भी उनकी प्राथमिकता है। ऐसे में कुछ भी हो सकता है।
ई-4बी नाइटवॉच : इसे ई-4बी नाइटवॉच या डूम्सडे प्लेन कहा जाता है। यह विमान संकट की स्थिति में राष्ट्रपति, रक्षा सचिव और जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के लिए एक एयरबोर्न कमांड सेंटर के रूप में काम करता है, जो उन्हें सुरक्षित संचार और समन्वय बनाए रखने में मदद करता है। यह विमान बोसियर सिटी से शाम 5:56 बजे (ईटी) रवाना हुआ, वर्जीनिया-नॉर्थ कैरोलिना की सीमा के पास चक्कर लगाया और रात 10:01 बजे जॉइंट बेस एंड्रयूज पर उतरा। उड़ान लगभग चार घंटे से थोड़ी अधिक चली, और यह विशेष रूप से इसलिए चर्चा में रही क्योंकि इसने ऑर्डर01 कॉलसाइन का उपयोग किया, जो सामान्य ऑर्डर6 से अलग है। प्रत्येक ई-4बी विमान में 112 तक लोग सवार हो सकते हैं और यह 7,000 मील से अधिक की दूरी तय कर सकता है।
इस विमान की सबसे खास बात यह है कि यह अन्य किसी भी अमेरिकी सैन्य विमान की तुलना में अधिक शक्तिशाली और सुरक्षित है। यह परमाणु हमलों, साइबर हमलों और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस को झेलने में सक्षम है, और आवश्यकता पड़ने पर जवाबी हमलों को निर्देशित कर सकता है। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, इसमें विशेष शील्डिंग होती है जिससे यह थर्मल और न्यूक्लियर इम्पैक्ट से सुरक्षित रहता है। इसमें 67 सैटेलाइट रिसीवर और एंटेना लगे हैं, जिनकी मदद से यह दुनिया के किसी भी कोने से संचार कर सकता है।
यह विमान एक सप्ताह तक बिना उतरे उड़ सकता है और हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता रखता है। अब तक की सबसे लंबी लगातार उड़ान ई-4बी की 35.4 घंटे रही है। इसके अंदरूनी हिस्से में 18 बिस्तर, ब्रिफिंग रूम, समन्वय क्षेत्रों, कमांड स्पेस और विश्राम कक्ष होते हैं, जो इसे आपात स्थिति में एक फ्लाइंग पेंटागन बना देते हैं।इसका उपयोग बड़ी आपदाओं के समय किया गया है। जैसे 9/11 हमलों के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इसका उपयोग किया था, और 1995 में हैरिकेन ओपल के दौरान फ़ेमा अधिकारियों ने इसमें यात्रा की थी।
अमेरिका में इस विमान की उपस्थिति आमतौर पर किसी गंभीर घटना का संकेत मानी जाती है। हालांकि ई-4बी का बेड़ा नियमित रूप से अभ्यास उड़ानों के लिए उड़ता है, परंतु विशेषज्ञ मानते हैं कि यह हालिया मिशन राष्ट्रपति की सुरक्षा चिंताओं और पश्चिम एशिया में बढ़ते युद्ध के खतरे से जुड़ा हो सकता है।
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