
लखनऊ। पीजीआई थाना क्षेत्र में हुई हत्या की गुत्थी को पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर सुलझा लिया। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त चाकू समेत कई महत्वपूर्ण सुराग बरामद किए हैं। जांच में सामने आया कि यह हत्या आपसी रंजिश और पैसे के लेन-देन के विवाद के कारण हुई थी।
हत्या की यह सनसनीखेज वारदात 6 मार्च को सामने आई थी, जब डलौना निवासी अंजनी साहू ने अपने बेटे विनायक साहू की हत्या को लेकर थाना पीजीआई में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने चार लोगों—शिवम रावत, आशीष, आमिर और शिवा—पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने जब मामले की गहराई से जांच शुरू की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि विनायक साहू और उसके पिता अंजनी साहू ने एक साजिश रची थी।
दरअसल, अंजनी साहू की पत्नी शांति साहू ने उन्हें छोड़कर इमरान नाम के व्यक्ति से शादी कर ली थी। इससे आक्रोशित होकर अंजनी साहू और उनके बेटे विनायक साहू ने शांति साहू और इमरान को मारने की योजना बनाई। इस काम के लिए उन्होंने चार युवकों को सुपारी दी थी। आमिर और आशीष को हत्या के बदले एक ऑटो रिक्शा देने का वादा किया गया था, जबकि शिवम और शिवा को 2.5 लाख रुपये देने की बात कही गई थी।
5 मार्च की रात जब चारों आरोपी विनायक से मिले, तो उन्होंने पहले 1.5 लाख रुपये की अग्रिम राशि की मांग की। विनायक ने पैसे देने से इनकार कर दिया, जिससे दोनों पक्षों में बहस हो गई। इस बीच, जब विनायक ने गुस्से में सभी को जान से मारने की धमकी दी, तो मामला बिगड़ गया। शराब के नशे में धुत्त आरोपियों ने मिलकर विनायक को पकड़ लिया और चाकू से उसकी गर्दन पर वार कर दिया। वार इतना गहरा था कि विनायक की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए।हत्या के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी और डीसीपी पूर्वी की सर्विलांस टीम की मदद से 7 मार्च को मुखबिर की सूचना पर ओमेक्स मेट्रो सिटी अंडरपास के पास से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया और उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया गया।मौके से पुलिस को कई अहम सुराग भी मिले, जिनमें दो एंड्रॉइड फोन, टूटी हुई कांच की बोतल, खून से सना गमछा, बीयर की खाली कैन और अन्य वस्तुएं शामिल थीं। पुलिस ने चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है।
इस पूरे मामले का सफल अनावरण पीजीआई थाना प्रभारी निरीक्षक धीरेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया। टीम में कई अनुभवी पुलिसकर्मी शामिल थे, जिन्होंने सूझबूझ के साथ इस हत्या के पीछे की साजिश का पर्दाफाश किया। पुलिस अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है कि कहीं इस हत्या के पीछे कोई अन्य व्यक्ति तो शामिल नहीं था।