
लखनऊ। भारत सरकार की 10 हजार एफपीओ के गठन एवं संवर्द्धन योजना तथा राज्य सरकार की आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के तहत राज्य स्तरीय एफपीओ मेला, प्रदर्शनी और कार्यशाला 2025 का शुभारंभ प्रदेश के कृषि मंत्री नव्व सूर्य प्रताप शाही ने भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर), तेलीबाग, लखनऊ में किया।कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के 10 हजार एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) गठित करने का लक्ष्य 24 फरवरी को तय समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश में 3813 एफपीओ शक्ति पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
उन्होंने बताया कि एफपीओ गठन के लिए सीमा रहमान खेड़ा, यूपी डास्प, यूपीएसएस और यूपी पीसीएफ जैसी राज्य पोषित संस्थाओं को नामित किया गया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में 92% किसान लघु एवं सीमांत श्रेणी में आते हैं, जिनकी आय बढ़ाने के लिए कृषि लागत को कम करना और प्रसंस्करण को बढ़ावा देना आवश्यक है। यूपी एफपीओ शक्ति पोर्टल पर एफपीओ की ग्रेडिंग और रेटिंग भी की जा रही है, जिससे उनकी क्षमता और कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि गांवों के आसपास 200 एकड़ भूमि पर क्लस्टर खेती को बढ़ावा दिया जाए, जिससे कृषि उत्पादों को विदेशी निर्यात के लिए तैयार किया जा सके। उन्होंने कृषि अवसंरचना निधि योजना को किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना बताते हुए कहा कि इस योजना का लाभ उठाकर किसान कृषि अवस्थापना संयंत्रों को मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा, सीड पार्क की स्थापना के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला एफपीओ को बढ़ावा देने की अपील भी की गई, ताकि महिलाएं कृषि और उद्यमिता में अधिक भागीदारी निभा सकें।
एफपीओ मेला, प्रदर्शनी और कार्यशाला के पहले दिन विशेष सचिव (कृषि) ओपी वर्मा, एसएफएसी प्रतिनिधि हिमांशु राय, बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक नव्व पंकज त्रिपाठी, सीमा रहमानखेड़ा के निदेशक पीयूष शर्मा, पूर्व कृषि निदेशक नव्व मुकेश गौतम, उपकार सचिव एसके सिंह सहित कई प्रगतिशील एफपीओ और विभिन्न जनपदों के कृषकों ने भाग लिया। यह आयोजन किसानों को एफपीओ की योजनाओं से जोड़ने, उनकी आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में नए अवसर पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।