
सुलतानपुर। जिला पंचायतराज अधिकारी अभिषेक शुक्ल के निर्देश पर ग्राम प्रधान के वित्तीय खाते सीज हो गए हैं। अब ग्राम पंचायत तेरखें विकास खण्ड भर्दैया का संचालन प्रशाशनिक देख रेख में होगा। बकौल डीपीआरओ श्री शुक्ल ने विकास कार्यों के जांचोपरान्त यह तथ्य प्रकाश में आया है कि ग्राम पंचायत द्वारा विकास कार्यों मे गुणवत्तापूर्ण/मानक के विपरीत निर्माण कराये गये है। जिससे यह प्रतीत होता है कि आप (ग्राम प्रधान) द्वारा शासन से प्राप्त धनराशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम पंचायत तेरयें में अग्रिम आदेशों तक ग्राम निधि प्रथम खाता व 15वां वित्त खाता पर वर्तमान ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव के हस्ताक्षर से धनराशि आहरण पर रोक लगायी जाती है। डीपीआरओ ने निर्देशित किया है कि अग्रिम आदेशों तक ग्राम पंचायत तेरयें के ग्रामनिधि खाता प्रथम तथा 15वां वित्त खाते से कोई भी धनराशि का आहरण न करें। बताते चलें कि ग्राम पंचायत में बिना कार्य कराए ही प्रधान व सचिव द्वारा पैसा निकाल लेने के आरोपों की जांच हो रही थी। एक ग्रामीण ने डीएम से की थी शिकायत। डीएम के आदेश पर डीपीआरओ ने स्थलीय निरीक्षण किया था।
डीपीआरओ की जांच में अनियमितता मिली तो उन्होंने डीएम को अवगत कराया। जिसपर डीएम ने डीएसटीओ को जांच सौंप 30 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। दो माह बीत जाने पर देर में ही सही लेकिन रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई। शिकायतकर्ता तेरये गांव निवासी सत्यम जायसवाल ने बीते 16 अक्टूबर को शपथपत्र युक्त शिकायती पत्र डीएम को सौंपा था।
शिकायतकर्ता का आरोप था कि ग्राम पंचायत में बिना कार्य कराए ही प्रधान व सचिव ने सरकारी धन का बंदरबाट कर लिया है। शिकायत पर डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी अभिषेक कुमार शुक्ला को ग्राम पंचायत में स्थलीय निरीक्षण के आदेश दिया था। डीपीआरओ ने स्थलीय निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट नौ नवंबर को डीएम को सौंपा।
जिसमें बताया गया कि निरीक्षण के दौरान लाल बहादुर के घर से अमर सिंह के घर तक इंटरलॉकिंग कार्य, भवन की बाउंड्रीवाल, अतिरिक्त कक्ष निर्माण व आरआरसी सेंटर निर्माण में अनियमितता पाई गई है। जिसपर तत्कालीन डीएम ने बीते 12 नवंबर को जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया था। फिलहाल वित्तीय खाते सीज होने से शिकायतकर्ता ने राहत की सांस ली है लेकिन पीड़ित ने मांग की है कि भ्रस्टाचारियों को जेल को सीखचों के पीछे होना चाहिए अन्यथा उन्हें जान माल का खतरा बना हुआ है।