
जबलपुर। साहित्य, समाज और संस्कृति को समर्पित सशक्त हस्ताक्षर संस्था का तृतीय वार्षिक उत्सव स्थानीय कला वीथिका में अत्यंत हर्षोल्लास एवं भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया।
प्रथम चरण – विराट कवि संगम काव्योत्सव कार्यक्रम के प्रथम चरण में विराट कवि संगम काव्योत्सव का आयोजन हुआ, जिसके मुख्य अतिथि महामहोपाध्याय आचार्य डॉ. हरिशंकर दुबे रहे एवं अध्यक्षता बिलासपुर से पधारे डॉ. शिवशरण श्रीवास्तव ‘अमल’ ने की। देश-प्रदेश के नामचीन कवियों ने अपनी भावपूर्ण रचनाओं के माध्यम से समां बाँधा और भरपूर वाहवाही प्राप्त की।
द्वितीय चरण – स्मारिका विमोचन व सम्मान समारोह
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में संस्था की स्मारिका ‘सशक्त हस्ताक्षर – तृतीय विशेषांक’ का भव्य विमोचन किया गया। इस अवसर पर सम्मान व अलंकरण समारोह भी आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि नगर निगम जबलपुर के महापौर श्री जगत बहादुर सिंह ‘अन्नू’, अध्यक्षता नगर निगम अध्यक्ष श्री रिकुंज विज ने की। परमाध्यक्ष के रूप में पुनः डॉ. हरिशंकर दुबे की गरिमामयी उपस्थिति रही।
विशिष्ट अतिथियों में रत्ना श्रीवास्तव, आनंद ज्योति पाठक, प्रदीप कुमार जानी, उमेश साहू ‘ओज’, सारस्वत अतिथि राजेश पाठक ‘प्रवीण’, डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’, अरुण शुक्ल आदि** उपस्थित रहे।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: बालिकाओं द्वारा कत्थकगुरु आरती श्रीवास्तव के निर्देशन में प्रस्तुत शास्त्रीय नृत्य एवं सीनियर सिटीजन ग्रुप की राजकुमारी रैकवार ‘राज’ व प्रभा बच्चन श्रीवास्तव द्वारा “ज्योति कलश झलके” गीत पर की गई प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया।
मुख्य वक्तव्य और सम्मान
मुख्य अतिथि एवं नगर निगम अध्यक्ष ने इस आयोजन की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में सहयोग देने का आश्वासन दिया। सभी अतिथियों का पुष्पमालाओं, शॉल, अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न, ‘कलमश्री’ सम्मान, मानपत्र एवं स्मारिका के माध्यम से सम्मानित किया गया।
कवियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर जिन कवियों ने काव्यपाठ किया, उनमें प्रमुख हैं: अखिलेश खरे ‘अखिल’, सोहन परोहा ‘सलिल’, कवि संगम त्रिपाठी, मदन श्रीवास्तव, विवेक शैलार, बालमुकुंद लखेरा, ए. के. पाण्डेय, राकेश माहेश्वरी ‘काल्पनिक’, प्रकाश सिंह ठाकुर, प्रदीप बकौरे, इंद्रसिंह राजपूत, डॉ. आशा श्रीवास्तव, रागिनी मित्तल, रंजना गौतम, लखनलाल रजक, दीप्ति खरे, डॉ. उर्मिला कुमारी, निर्मला डोंगरे, डॉ. भावना दीक्षित, तरुणा खरे, पं. दीनदयाल तिवारी, देवेन्द्र श्रीवास्तव ‘देवेश’, अमरसिंह वर्मा, जयप्रकाश श्रीवास्तव, अशोक झारिया ‘शफ़क’, मनीष तिवारी, प्रतीक्षा सेठी, कविता राय, मनोज शुक्ल ‘मनोज’, रश्मि खरे, संजय सोनी, कालीदास ताम्रकार, सुषमा खरे, गायत्री सोनी, डॉ. मुकुल तिवारी, संदीप खरे, मथुरा जैन, निरंजन द्विवेदी, सुरेश मिश्र, संतोष नेमा ‘संतोष’, ओमप्रकाश श्रीवास्तव आदि की शानदार प्रस्तुतियाँ रहीं।
संचालन एवं आभार
कार्यक्रम का संचालन संस्थापक गणेश श्रीवास्तव ‘प्यासा’ ने किया, सह-संचालन में सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’ एवं रागिनी मित्तल शामिल रहीं।
आभार प्रदर्शन संस्था के सलाहकार कवि संगम त्रिपाठी ने किया।
विशेष उपस्थिति
इस भव्य आयोजन में आशुतोष तिवारी, अर्चना मलैया, गायत्री तिवारी, डॉ. अरुणा पाण्डेय, निर्मला तिवारी, चंद्रप्रकाश वैश्य सहित संस्कारधानी जबलपुर की कई प्रतिष्ठित साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।