
बस्ती। जनपद बस्ती के थाना पुरानी बस्ती क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रेहरवा में किराये के मकान में रह रहे एक रिटायर्ड फौजी की हत्या के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने सफल खुलासा कर दिया है। इस जघन्य हत्या को मृतक के पोते और उसके दोस्त ने मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना पुरानी बस्ती पुलिस, स्वाट टीम एवं एसओजी बस्ती की संयुक्त कार्यवाही में इस हत्या की गुत्थी सुलझाई गई। मामले में पंजीकृत मु0अ0सं0 139/25 धारा 103(1) बीएनएस के तहत कार्यवाही करते हुए 21 वर्षीय आरोपी अजहरुद्दीन उर्फ समीर पुत्र अब्दुल सलाम निवासी संजय कॉलोनी को मंगलवार की रात 8:15 बजे चैनपुरवा ओवरब्रिज के पास से गिरफ्तार किया गया। वहीं मृतक का 12 वर्षीय पोता, जो घटना का मुख्य सूत्रधार है, उसे 06 अगस्त को सुबह ग्राम रेहरवा से संरक्षण में लिया गया।
हत्या की वजह बनी मोबाइल की मांग
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मृतक रमापति पाण्डेय (रिटायर्ड फौजी) के पोते ने मोबाइल खरीदने के लिए पैसे की मांग की थी। पैसे न देने पर विवाद हुआ और गुस्से में आकर पोते ने लोहे की पाइप से बाबा के सिर पर वार कर दिया। इसके बाद मौके पर मौजूद उसका दोस्त अजहरुद्दीन ने ईंट का अद्धा उठाकर पीछे से सिर पर वार किया, जिससे वृद्ध की मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद दोनों आरोपी पूजा घर में रखे बक्से से पैसे ढूंढ़ने लगे लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने हत्या में प्रयुक्त ईंट और अन्य साक्ष्यों को छिपाकर मौके से फरार हो गए।
घटनास्थल से मिले कई महत्वपूर्ण साक्ष्य
पुलिस ने मौके से लोहे की पाईप, ईंट का अद्धा, खून से सनी धोती, बेडशीट का टुकड़ा, हिन्दुस्तान अखबार के सात पेज, सेंडो बनियान और टी-शर्ट आदि साक्ष्य बरामद किए हैं। ये सभी वस्तुएं खून से सनी हुई थीं और घटना को अंजाम देने में प्रयुक्त की गई थीं।
गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम
इस सफलता में थाना पुरानी बस्ती के थानाध्यक्ष महेश सिंह, चौकी प्रभारीगण, स्वाट टीम प्रभारी, SOG प्रभारी, सर्विलांस टीम सहित कई सिपाही शामिल रहे। पुलिस द्वारा बाल अपचारी को संरक्षण में लेकर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर रिश्तों की मर्यादा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। पोते द्वारा अपने ही दादा की निर्मम हत्या समाज के नैतिक पतन की ओर इशारा करती है। पुलिस की तत्परता और वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन के चलते यह जघन्य अपराध जल्द ही बेनकाब हो सका।