
लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल द्वारा गोरखपुर से गोरखपुर कैंट स्टेशनों के मध्य 3.5 किलोमीटर लंबी, 25,000 वोल्ट ए.सी. क्षमता वाली तीसरी विद्युतीकृत रेल लाइन का निरीक्षण पूर्वोत्तर परिमंडल के रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना द्वारा किया गया।
निरीक्षण में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) अभय कुमार गुप्ता, मुख्य विद्युत इंजीनियर (निर्माण) ओ.पी. सिंह, मंडल रेल प्रबंधक गौरव अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।निरीक्षण की शुरुआत गोरखपुर जंक्शन से हुई, जहां सक्सेना ने एआई आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पैनल, स्टेशन अधीक्षक कक्ष, सेफ्टी रिकॉर्ड्स, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई और बैटरी रूम का अवलोकन किया।
इसके पश्चात मोटर ट्रॉली के माध्यम से उन्होंने गोरखपुर से गोरखपुर कैंट के बीच रेल ट्रैक, कर्व, पॉइंट्स, क्रॉसिंग और पुल की गहन संरक्षा जांच की।गोरखपुर कैंट स्टेशन पर उन्होंने सिगनलिंग सिस्टम, बैलास्ट, प्लेटफॉर्म क्लीयरेंस, रिले रूम और कर्मचारियों की संरक्षा तैयारी की समीक्षा की तथा परिचालन कर्मियों से संरक्षा से संबंधित प्रश्न पूछकर उनकी तत्परता की परख की।
निरीक्षण के पश्चात तीसरी रेल लाइन पर स्पेशल ट्रेन द्वारा गति परीक्षण किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। इस विद्युतीकृत रेल लाइन के निर्माण से न केवल रेलवे नेटवर्क की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि ट्रेनों की गति और आवृत्ति भी बढ़ सकेगी। इससे यात्रियों को कम प्रतीक्षा समय, बेहतर कनेक्टिविटी और अधिक सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्राप्त होगा।यह परियोजना डीजल ट्रेनों पर निर्भरता को घटाकर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी। साथ ही क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
रेल प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि विद्युतीकृत रेल खंड और ओवरहेड लाइन के निकट सावधानी बरतें और सुरक्षित दूरी बनाए रखें, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।इस अवसर पर लखनऊ मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (प्रथम), वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (टीआरडी/सा./टीआरएस) सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।