
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य के निर्देशन में संचालित ‘संभव’ अभियान ने राज्य की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका को एक नई पहचान दिलाई है। यह अभियान न केवल कुपोषण की रोकथाम में बल्कि मातृत्व सुरक्षा, समग्र स्वास्थ्य सुधार और किशोरी बालिकाओं की जीवन गुणवत्ता में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन का माध्यम बना है।
वर्ष 2024-25 में संभव अभियान के अंतर्गत वाराणसी, चंदौली, श्रावस्ती, उन्नाव और फर्रूखाबाद जनपदों की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने अद्वितीय प्रयास करते हुए यह साबित कर दिया कि सेवा और समर्पण से असंभव भी संभव बन सकता है।
इन कार्यकत्रियों ने न केवल गंभीर रूप से कुपोषित (सैम) बच्चों को चिन्हित किया, बल्कि उन्हें एनआरसी (न्यूट्रिशन रिहैबिलिटेशन सेंटर) में भर्ती कराकर स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर भी किया। स्वास्थ्य विभाग से प्रभावी समन्वय, पोषण शिक्षा, स्तनपान जागरूकता, टीकाकरण और किशोरी स्वास्थ्य सुधार जैसे कार्यों में इनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।
वाराणसी की सरिता देवी ने अपने क्षेत्र को पोषण जागरूकता का केंद्र बना दिया। उन्होंने सैम बच्चों की पहचान कर उन्हें एनआरसी में भर्ती कराया, टीकाकरण दर में 90% तक की वृद्धि की और किशोरियों को स्वच्छता व पोषण की शिक्षा दी।चंदौली की सुजाता कुशवाहा ने मातृत्व पोषण, समय पर दवा और केवल स्तनपान के प्रति 90% बच्चों के परिवारों को प्रेरित किया।
उन्होंने पोषण ट्रैकर पर 100% रिपोर्टिंग कर डिजिटल दक्षता में भी मिसाल कायम की।श्रावस्ती की पानकली ने सीमित संसाधनों के बावजूद 12 सैम बच्चों को पोषण सेवाओं से जोड़ा और एनीमिक महिलाओं को जागरूक कर उनके स्वास्थ्य में सुधार लाया।
उन्नाव की सजनी अवस्थी ने न केवल कुपोषित बच्चों को ई-कवच पोर्टल पर फीड किया बल्कि किशोरियों को एनीमिया से मुक्त कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा।फर्रूखाबाद की चन्द्रमुखी ने 03 गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराकर सुधार दिलाया और 09 बच्चों को समुदाय के सहयोग से सामान्य पोषण स्थिति में लाया। पोषण ट्रैकर पर उनकी 100% ई-केवाईसी रिपोर्टिंग और कार्यकुशलता का कोई सानी नहीं।
इन सभी कार्यकत्रियों की कहानियाँ केवल आँकड़ों का विषय नहीं हैं, बल्कि वे उदाहरण हैं कि जब नारी शक्ति में सेवा का भाव और तकनीकी दक्षता जुड़ती है तो समाज में क्रांतिकारी बदलाव संभव होता है।
संभव अभियान” के माध्यम से उत्तर प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने पोषण, स्वास्थ्य और जागरूकता के क्षेत्र में जो क्रांति की है, उसमें इन नायिकाओं की भूमिका अग्रणी रही है।यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि समाज में बदलाव की वह लहर है जो गाँव-गाँव, गली-गली और हर माँ-बच्चे के जीवन में उम्मीद जगा रही है।