
केके मिश्रा संवाददाता।
संत कबीर नगर। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर के निर्देश के क्रम में आज भूकंप आपदा पर आधारित संयुक्त अभ्यास 11 एनडीआरएफ आरआरसी गोरखपुर और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया।





एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में एनडीआरएफ समन्वयक व मुख्य एजेंसी की उपस्थिति में संपन्न हुए इस माकड्रिल में तमाम विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस मेगा मॉक ड्रिल अभ्यास का संपूर्ण नेतृत्व एनडीआरएफ के निरीक्षक सुधीर कुमार द्वारा संचालित किया गया। मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदाओं के दौरान राहत व बचाव कार्य की तैयारी जांचना एवं विभिन्न एजेंसियों के मध्य समन्वय स्थापित करना था।
हीरालाल रामनिवास स्नाकोत्तर महाविद्यालय संत कबीर नगर में सुबह 12.50 बजे मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई, 01.10 बजे अचानक स्कूलों की आपातकालीन घंटी बजी। छात्रों को भूकंप आने की सूचना दी गई। क्योंकि छात्र पहले से ही, प्रशिक्षित हैं कि भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए इसलिए छात्र घबराए नहीं बल्कि सावधानी से डेस्क के नीचे सर ढंककर बैठ गए और डेस्क को कसकर पकड़ लिया। भूकंप थमने के बाद छात्र खुले स्थान पर इकट्ठा हुए जहां उनका हेड काउंट किया गया यह ड्रिल करीब 45 मिनट तक चलता रहा।
तत्पश्चात इसकी सूचना एनडीआरएफ टीम को दी गई जो कि मौके पर निरीक्षक सुधीर कुमार की टीम घटना स्थल पर पहुंची और टीम द्वारा तुरंत ही बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया।
भूकंप से बचाव हेतु मॉक ड्रिल के दौरान सूचना दी गई कि कुछ लोग बिल्डिंग के ऊपरी मंजिल में फंसे हुए हैं जहां पहुंचना बहुत ही मुश्किल था, परंतु एनडीआरएफ की रोप रेस्क्यू टीम के बचावकर्ता रोप तकनीकों का इस्तेमाल कर बिल्डिंग के ऊपरी मंजिल पर पहुंचकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। एनडीआरएफ की टीम का यह कार्य सराहनीय रहा। इसी दौरान सूचना मिलती है कि बिल्डिंग के भूतल में भी कुछ लोग फंसे हैं।
एनडीआरएफ की सीएसएसआर टीम के बचावकर्ता अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए दीवार को काटकर पीड़ित तक पहुंचे, उनको फर्स्ट एड दिया और सुरक्षित बाहर निकाल कर अस्पताल के लिए रवाना किया।
मॉकड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए लोगों को तैयार करना, प्रतिक्रिया समय और समन्वय को बेहतर बनाना, लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करना एवं संसाधनों और प्रक्रियाओं की जांच करना था।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी खलीलाबाद शैलेश दुबे, तहसीलदार खलीलाबाद जनार्दन, प्रधानाचार्य बृजेश कुमार त्रिपाठी एवं आपदा प्रबंधन से आपदा विशेषज्ञ कृष्णा गुप्ता एवं अग्निशमन विभाग, मेडिकल विभाग के चिकित्सक एवं कर्मचारी, एनडीआरएफ के निरीक्षक सुधीर कुमार, निरीक्षक दीपक मंडल एवं एनडीआरएफ के अन्य रेस्क्यूअर आदि उपस्थित रहे।