
बस्ती। खानपान पर नियंत्रण न होने की वजह से जिले में गाल ब्लैडर स्टोन के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। इनमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। मेडिकल कॉलेज सहित अन्य अस्पतालों में इन दिनों सबसे ज्यादा ऑपरेशन गाल ब्लैडर स्टोन के हो रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज के सर्जन डॉ. राज कृष्णन ने बताया कि इस बीमारी से ग्रसित लोगों के हर हफ्ते 20 से 25 ऑपरेशन हो रहे हैं। इससे बचने के लिए तेल और चिकनाई वाली चीजें खाने से परहेज करना होगा।
डॉ. राज कृष्णन ने बताया कि गॉल ब्लैडर स्टोन में पेट में आश्चर्यजनक और अत्यधिक दर्द, पीठ दर्द, मतली, उल्टी और सूजन जैसे लक्षण दिखते हैं। गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन ये अक्सर तब बनते हैं जब बाइल फ्लो बनाने वाले केमिकल्स में असंतुलन हो जाता है।
महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन के विकास के जोखिम कारकों में अधिक वजन या मोटापा, पारिवारिक इतिहास और कुछ चिकित्सीय स्थितियां जैसे डायबिटीज, लिवर डिजीज और मोटापा शामिल है। गॉल ब्लैडर एक छोटा नाशपाती के आकार का अंग है जो लिवर के नीचे स्थित होता है, और गॉल ब्लैडर स्टोन, जो कि एक कठोर जमाव की तरह होता है। इसका आकार और संरचना भिन्न होती है।
यह एक सामान्य चिकित्सा समस्या है, जिससे दुनिया के बड़ी आबादी में लोग प्रभावित हैं। गलत खानपान और अन्य कारणों से इन दिनों 35 साल से अधिक आयु वाले लोगों की पित्त की थैली में पथरी की समस्या बढ़ गई है। दूसरे अंगों में भी पथरी के मामलों में इजाफा हुआ है।