
वाशिंगटन। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले के बाद अमेरिका के रक्षा विभाग (पेंटागन) के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट (AEI) के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने पाकिस्तान को लेकर बेहद तीखा बयान दिया है। उन्होंने अमेरिका से पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित देश घोषित करने और पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर को आतंकवादी घोषित करने की मांग की है।
ओसामा बिन लादेन से की असीम मुनीर की तुलना
माइकल रुबिन ने कहा, “ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर में फर्क सिर्फ इतना है कि ओसामा गुफा में रहता था और असीम मुनीर महल में। दोनों के इरादे एक जैसे हैं और अंजाम भी एक जैसा होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “अब पाकिस्तान को मासूम दिखाने का प्रयास नहीं किया जा सकता। आप सूअर के ऊपर लिपस्टिक लगा सकते हैं, लेकिन वह सूअर ही रहेगा। इसी तरह, पाकिस्तान को आतंकवाद समर्थक देश न मानने का दिखावा किया जा सकता है, पर हकीकत यही है कि वह आतंकवाद का संरक्षक है।”
हमास के हमले से की तुलना
रुबिन ने पहलगाम हमले की तुलना 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हुए हमास हमले से की। उन्होंने कहा, “जिस तरह हमास ने यहूदी नागरिकों को निशाना बनाया, उसी तरह पाकिस्तान ने मध्यमवर्गीय हिंदुओं और आम नागरिकों पर हमला किया। दोनों हमले टूरिस्ट्स और आम जनता को निशाना बनाने वाले थे।”
उन्होंने कहा कि भारत को भी अब वही करना चाहिए जो इज़राइल ने हमास के खिलाफ किया—सीधा और निर्णायक जवाब। भारत को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को आतंकवादी संगठन घोषित करना चाहिए और अन्य सहयोगी देशों को भी ऐसा ही करना चाहिए।
सेना प्रमुख के बयान को बताया हमले की वजह
रुबिन ने दावा किया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के हालिया बयान ने इस हमले को उकसाया। उन्होंने कहा, “मुनीर ने कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान की ‘गले की नस’ है। यह बयान इस हमले को हरी झंडी देने जैसा था। अब भारत को भी पाकिस्तान की ‘गले की नस’ काट देनी चाहिए।”
रुबिन ने बताया कि प्रारंभिक खुफिया सूचनाएं स्पष्ट रूप से पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका की ओर इशारा कर रही हैं। उन्होंने कहा, “चाहे वह भौगोलिक स्थिति हो, पिछली घटनाएं हों या आतंकी नेटवर्क की विचारधारा—हर संकेत पाकिस्तान की ओर ही जाता है।”
उप-राष्ट्रपति की भारत यात्रा से ध्यान भटकाने की साजिश
रुबिन ने कहा कि यह हमला अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा से ध्यान हटाने की सोची-समझी साजिश भी हो सकती है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2000 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत आए थे, तब भी आतंकी हमला हुआ था।
भारत का सख्त रुख
भारत सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं:
- सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित किया गया।
- अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
- वीज़ा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीज़ा रद्द कर दिए गए।
- पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ नोट जारी कर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
- भारत के उच्चायोग से भी सैन्य अधिकारियों को वापस बुलाया जा रहा है।
पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत
मंगलवार को अनंतनाग ज़िले के बैसारन क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए, जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक माना जा रहा है।