
लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की थाना कृष्णानगर पुलिस ने परीक्षा केंद्रों के बाहर खड़े दोपहिया वाहनों से चोरी करने वाले एक सक्रिय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह बीते कई दिनों से राजधानी के विभिन्न परीक्षा केंद्रों के बाहर सक्रिय था और खासतौर पर उन परीक्षार्थियों को निशाना बना रहा था, जो परीक्षा देने के दौरान अपनी स्कूटी या बाइक की डिग्गी में मोबाइल, ज्वैलरी और जरूरी दस्तावेज रखकर केंद्र के अंदर चले जाते थे।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में सैयद सैफ निवासी टिकैत राम तालाब, मयंक सोनकर निवासी अमीनाबाद और रुपेश यादव निवासी राजाजीपुरम शामिल हैं। तीनों अभियुक्तों को सोमवार को संगम विहार कॉलोनी के अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके कब्जे से चोरी गए मोबाइल फोन, आभूषण, पहचान पत्र, डेबिट कार्ड, एक स्कूटी और नकद राशि बरामद की है।इस गिरोह का पर्दाफाश उस वक्त हुआ जब दो अलग-अलग पीड़ितों की शिकायतें पुलिस तक पहुंचीं।
पहली शिकायत एक महिला परीक्षार्थी प्रियंका शुक्ला ने दर्ज कराई थी, जिन्होंने 9 जून को कृष्णानगर स्थित परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ी अपनी स्कूटी से ज्वैलरी और अन्य सामान चोरी होने की बात कही थी। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मौके पर मौजूद लोगों से सवाल किया, तो आरोपितों ने उनसे अभद्र व्यवहार करते हुए धक्का-मुक्की की और भाग निकले।
दूसरी शिकायत 7 जुलाई को अमेठी निवासी मोहम्मद वैश की तरफ से दी गई, जिन्होंने बताया कि 4 जुलाई को उनका मोबाइल फोन, दो बैंक एटीएम कार्ड और सिम कार्ड चोरी कर लिए गए। इसके बाद आरोपितों ने उनके बैंक खातों से करीब 1.30 लाख रुपये निकाल लिए। यह वारदात भी कृष्णानगर क्षेत्र के एक परीक्षा केंद्र के बाहर हुई थी। इन गंभीर घटनाओं के बाद थाना कृष्णानगर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार टीमों का गठन किया, जिन्होंने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार अभियुक्तों से हुई पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आईं। मुख्य अभियुक्त सैयद सैफ ने स्वीकार किया कि वे परीक्षा केंद्रों के बाहर खड़े वाहनों को पहचानते थे और जैसे ही परीक्षार्थी केंद्र के अंदर जाते, उनके वाहन की डिग्गी से मोबाइल, अंगूठी, चैन, और अन्य सामान निकाल लेते थे। सैफ ने यह भी स्वीकार किया कि चोरी किए गए सामान में से कुछ को उन्होंने बेच दिया और प्राप्त पैसे आपस में बांट लिए।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने चोरी के डेबिट कार्ड और सिम कार्ड की मदद से ऑनलाइन खरीदारी भी की, जिसमें उनके एक साथी की मदद ली गई।इस गिरोह के पास से जो स्कूटी बरामद हुई है, वह भी चोरी की निकली।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उक्त स्कूटी को कुछ दिन पहले फीनिक्स मॉल के पास से चोरी किया गया था और उसका उपयोग चोरी का माल लाने-ले जाने में किया जा रहा था। बरामद सामान में तीन मोबाइल फोन, एक चैन, एक जोड़ी टॉप्स, पैन कार्ड, वोटर आईडी, दो डेबिट कार्ड, और ₹730 नकद शामिल हैं।
मुख्य अभियुक्त सैयद सैफ का आपराधिक इतिहास बेहद गंभीर है। उसके खिलाफ लखनऊ, बाराबंकी और प्रयागराज के विभिन्न थानों में कुल दस से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें चोरी, धोखाधड़ी, गिरोहबंदी और आईटी एक्ट से जुड़े मामले शामिल हैं। इनमें से कई मामलों में वह पहले भी जेल जा चुका है।
वहीं, मयंक सोनकर पूर्व में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता था और जोमैटो में डिलीवरी ब्वॉय के रूप में काम कर चुका है, जबकि रूपेश यादव एक निजी कंपनी में ‘वर्क फ्रॉम होम’ के तहत चैट सपोर्ट एक्जीक्यूटिव के रूप में कार्यरत रहा है।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम को इस सराहनीय कार्य के लिए पुलिस उपायुक्त दक्षिणी द्वारा ₹15,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस कार्रवाई से न केवल कृष्णानगर क्षेत्र में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है, बल्कि यह भी स्पष्ट हो गया है कि पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के सहारे ऐसे अपराधों पर शीघ्रता से अंकुश लगाने में पूरी तरह सक्षम है।