
•नियमों में संशोधन से स्वतः सुरक्षित हो जायेंगे शिक्षक- उदयशंकर शुक्ल
बस्ती। टेट की अनिवार्यता को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद जनपद में शिक्षकों का आन्दोलन चरणबद्ध ढंग से जारी है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल ने बताया कि अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर शिक्षक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही 24 दिवसीय राष्ट्र व्यापी आन्दोलन में क्षेत्रीय अध्यक्ष, मंत्री और पदाधिकारी प्रतिदिन एक-एक न्याय पंचायत के शिक्षकों का हस्ताक्षर करा रहे हैं।



हस्ताक्षरित ज्ञापन ई मेल आई.डी. के माध्यम से राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और बेसिक शिक्षा मंत्री को भेजा जा रहा है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल ने कहा कि सेवा नियमावली के आलोक में शिक्षकों की नियुक्ति तत्कालीन योग्यता और अर्हता के अनुसार की गई थी इसलिए वर्तमान चयन अर्हता को आधार मानते हुए वर्षों पहले चयनित शिक्षकों को अयोग्य ठहराया जाना न्याय के कल्याणकारी सिद्धांतों के खिलाफ है।
टेट अनिवार्यता समाप्त करने हेतु केन्द्र और सरकारें नियमों में संशोधन कर शिक्षा अधिकार विधेयक की धारा 23 (2) की नियमावली में आवश्यक संशोधन करें जिससे शिक्षकों की सेवा स्वतः सुरक्षित हो जाय।
बताया कि जनपद के सभी विकास खण्ड क्षेत्रों में हस्ताक्षर अभियान जारी है। कहा कि अच्छा हो कि सरकार स्वयं हस्तक्षेप कर नियमों में संशोधन कर समस्या का समाधान कराये।
बताया कि सोमवार को रामनगर में अध्यक्ष इन्द्रसेन मिश्र, मंत्री अभिषेक कुमार जायवाल के नेतृत्व में 22, परशुरामपुर में ब्लाक अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा, मंत्री राजीव कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में 45, कुदरहा में ब्लाक अध्यक्ष चन्द्रभान चौरसिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह द्वारा 22, दुबौलिया में जिला उपाध्यक्ष दिवाकर सिंह, ब्लाक अध्यक्ष रामपाल चौधरी, मंत्री त्रिलोकीनाथ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश कुमार के संयोजन में 25, गौर में विनोद यादव के नेतृत्व में 18 शिक्षकों के हस्ताक्षर कराये गये। शिक्षक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य कर रहे हैं। हस्ताक्षर अभियान 15 अक्टूबर तक जारी रहेगा, सघ पदाधिकारी विद्यालयों में जाकर हस्ताक्षर करा रहे हैं।