
रुद्रप्रयाग। भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए गए। इस अवसर पर धाम में विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया तड़के चार बजे से विशेष पूजा-अर्चना के साथ आरंभ हुई। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे, बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल, तीर्थ पुरोहितगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई। डोली का पहला पड़ाव रामपुर में रहेगा। शुक्रवार को डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी और 25 अक्टूबर को अपने गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ पहुंचेगी