
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक कौन बनेगा ये राज्य ही तय करेगा। योगी कैबिनेट ने यूपी के नए डीजीपी के चयन को लेकर नए नियमों को मंजूरी दे दी है।डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव हुआ है।अभी तक संघ लोकसेवा आयोग को नामों का पैनल भेजा जाता था,लेकिन अब ये व्यवस्था बदल गई है।
अब कैसे चुना जाएगा यूपी का डीजीपी
नए नियम के मुताबिक यूपी के नए डीजीपी के चयन के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी। इसमें यूपी के मुख्य सचिव, UPSC द्वारा नामित एक व्यक्ति, UPPSC का अध्यक्ष या नामित व्यक्ति, प्रमुख सचिव गृह, एक रिटायर्ड DGP जिसने यूपी पुलिस में काम किया हो। यह कमेटी स्थायी डीजीपी का चयन करेगी। नई व्यवस्था में बनाए गए डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होगा। चयन के समय 6 महीने की सर्विस का बचा होना जरूरी होगा।हालांकि नियमावली में ये भी कहा गया है कि किसी भी आपराधिक या भ्रष्टाचार के मामले में या अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहने पर राज्य सरकार डीजीपी को 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटा सकती है। इसमें यह भी कहा गया है कि डीजीपी को उनके पद से हटाने संबंधित प्रावधानों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित दिशा निर्देशों का पालन किया गया है।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए सोशल मीडिया पर योगी सरकार पर निशाना साधा।अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है।सवाल ये है कि व्यवस्था बनाने वाले खुद 2 साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है।
अखिलेश यादव ने डीजीपी के चयन में बदलाव को दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0′ बताया है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री सपा मुखिया अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही कह रहे हैं कि बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दिल्ली में बीजेपी के सीनियर नेताओं के बीच अंदरूनी खटपट है।इसी तरह जब केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी के बीच मतभेद उभरकर सामने आए तो अखिलेश यादव ने इसे लखनऊ-दिल्ली के बीच की लड़ाई बताया था।