
नई दिल्ली। 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले से राष्ट्र को सम्बोधित करने वाले समारोह में उत्तर प्रदेश के 178 श्रमिक भी भाग लेंगे, जिन्हें बंधुआ श्रम की दयनीय परिस्थितियों से मुक्त कराया गया है। इनमें से 89 महिला श्रमिक भी शामिल हैं।
प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन, उत्तर प्रदेश शासन डॉ. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम ने बताया कि इस वर्ष विशेष रूप से 89 महिला श्रमिकों को, जो विभिन्न कार्यस्थलों से मुक्त कर पुनर्वासित की गई हैं, लाल किले पर आयोजित समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। उनके साथ उनके पति या पिता भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
ये सभी श्रमिक 13 अगस्त की सुबह अलीगढ़, संभल, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर एवं बागपत जिलों से नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इन श्रमिकों के आने-जाने की व्यवस्था की गई है। ये सभी 16 अगस्त तक नई दिल्ली में रहेंगे तथा पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में भाग लेंगे, जिनमें दिल्ली भ्रमण भी शामिल है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस सम्बोधन का वे साक्षी बनेंगे।
श्रम आयुक्त, उत्तर प्रदेश श्री मार्कण्डेय शाही ने बताया कि इन श्रमिकों के लिए यह पहला अवसर है जब उन्हें इस समारोह में शामिल होने का मौका मिला है, जिससे वे अत्यंत उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि ये श्रमिक बंधुआ श्रम की शिकायत मिलने पर अवमुक्त कराए गए थे। केंद्र सरकार की बंधुआ श्रम पुनर्वासन योजना के तहत प्रत्येक श्रमिक के खाते में दो लाख रुपये की धनराशि दी गई है, जिससे वे अपने कौशल के अनुसार कार्य कर सकें और पुनः बंधुआ श्रम की स्थिति में न आएं।
इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी इनके सशक्त पुनर्वासन के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता प्रदान की गई है, जिनमें उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाएं शामिल हैं। इस पहल से इन श्रमिकों को पुनः सम्मानजनक जीवन यापन का अवसर मिला है।