
बस्ती। फोरलेन पर दिन रात दौड़ने वाले ट्रक-ट्रेलर व डंपर के ब्रेकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ की चौंकाने वाली कारीगरी सामने आई है। पहियों का एक सेट हमेशा हवा में रहता है। उसके सेंसर से भी छेड़छाड़ की जाती है, जिससे वाहन मालिक का मामूली फायदा जरूर होता है, लेकिन इस चूक के कारण कई जिंदगियां सड़क पर दम तोड़ दे रही हैं।
विगत शुक्रवार को इसकी पड़ताल की गई तो पाया गया कि ज्यादातर ट्रकों-ट्रेलर में माइलेज बढ़ाने और मरम्मत का खर्च घटाने के लिए ब्रेकिंग सिस्टम कमजोर किया गया है। बृहस्पतिवार को पुरानी बस्ती से सबदेइया कला के पास हुए हादसे की शुरुआती जांच में भी यह खामी पाई जा रही है। पुलिस के अनुसार पहली टक्कर मारने वाले ट्रक के ब्रेकिंग सिस्टम में खामी थी। सोमवार को कानपुर में बीटेक छात्रों की कार को पीछे से जिस 16 पहियों वाले ट्रॉला ने टक्कर मारी, उसके चार पहियों से ब्रेकिंग प्रणाली हटी हुई थी।
तकनीकी भाषा में इसे ब्रेक एक्चुएटर को हटाना कहते हैं। जानकार बताते हैं कि 70 फीसदी बड़े वाहनों के माइलेज बढ़ाने और मेंटीनेंस घटाने जैसे छोटे-छोटे फायदों के लिए ब्रेकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ की जाती है।
मेकेनिकल इंजीनियर सुबोध त्रिपाठी के अनुसार, भारी वाहनों के पहियों के एक सेट (चार पहिये, दोनों तरफ दो-दो) से ब्रेकिंग सिस्टम हटाने पर ब्रेक की क्षमता 17 प्रतिशत घट जाती है। ज्यादातर ऐसे वाहन ओवरलोड होते हैं, जिससे उसका संवेग बहुत बढ़ जाता है। सेंसर वाले इन मौजूदा डंपरों-ट्रकों के पहियों का एक सेट हवा में ऊपर उठा दिया जाता है, जो गाड़ी के लोडेड होने पर नीचे आ जाता है।