•वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बोले—विकास के साथ राजकोषीय अनुशासन पर सरकार प्रतिबद्ध।
राकेश कुमार की रिपोर्ट।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 24,496.97 करोड़ रुपये के अनुदान की पूरक मांगें सोमवार को पेश कीं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन इस प्रस्ताव को पेश किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्राप्त होने वाले 2,197.24 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से को घटाने के बाद, राज्य की समेकित निधि पर 22,299.74 करोड़ रुपये का शुद्ध अतिरिक्त बोझ होगा। उन्होंने सदन को बताया कि अतिरिक्त व्यय की पूर्ति कर एवं गैर-कर राजस्व के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करके और अनुत्पादक व्यय पर अंकुश लगाकर की जाएगी।
24496.97 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार राज्य के विकास एवं कल्याणकारी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। सुरेश खन्ना ने बताया कि यह (अनुपूरक बजट) 24 हजार 496.98 करोड़ रुपये का है, जिसमें राजस्व लेखे का व्यय 18,369.30 करोड़ रुपये तथा पूंजी लेखे का व्यय 6,127.68 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अनुपूरक बजट का आकार इस वर्ष मूल बजट का 3.03 प्रतिशत है।
किस विभाग को कितना मिलेगा?
औद्योगिक विकास के लिए 4,874 करोड़ रुपये। बिजली क्षेत्र के लिए 4,521 करोड़ रुपये। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए 3,500 करोड़ रुपये। शहरी विकास के लिए 1,758.56 करोड़ रुपये। तकनीकी शिक्षा के लिए 639.96 करोड़ रुपये। महिला एवं बाल विकास के लिए 535 करोड़ रुपये। यूपीएनईडीए (सौर और नवीकरणीय ऊर्जा) के लिए 500 करोड़ रुपये। चिकित्सा शिक्षा के लिए 423.80 करोड़ रुपये। गन्ना और चीनी मिल क्षेत्र के लिए 400 करोड़ रुपये।
यूपी की GSDP 31.14 लाख करोड़ होने का अनुमान
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 31.14 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो पहले के अनुमानों से ज्यादा है। अनुदान के लिए अनुपूरक मांगें विधानमंडल के सामने तब पेश की जाती हैं जब वार्षिक बजट में स्वीकृत राशि वित्त वर्ष के दौरान वास्तविक खर्च की ज़रूरतों से कम पड़ जाती है।
सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश अनुपूरक बजट में चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण को बड़ी प्राथमिकता दी है।
