
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार का डंडा भ्रष्टाचार और लापरवाही पर एक बार फिर चला है। योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के उपनिदेशक यादवेंद्र यादव को निलंबित कर दिया है। उन पर भ्रष्टाचार व सरकार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में वाराणसी मंडल के उपनिदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण यादवेन्द्र यादव पर भ्रष्टाचार, सोशल मीडिया में सरकार, पुलिस, चुनाव आयोग आदि पर आपत्तिजनक पोस्ट के गंभीर आरोप लगाए गए थे।
सांसद ने बताया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में रिश्वत मांगने की शिकायत सामने आई थी। इसे 3 नवंबर 2024 को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया था।
इसके साथ ही सांसद ने यह भी बताया कि यादवेंद्र यादव पर पहले से ही उन्नाव में समाज कल्याण अधिकारी की रूप छात्रवृत्ति धनराशि के गबन के आरोप में एक संगीन अपराधिक मामला भी लंबित है। उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468, 120B के अंतर्गत एफआईआर दर्ज है।
इसके बाद उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जांच कराई गई। इसमें यादव की सोशल मीडिया पर सरकार विरोधी टिप्पणी और सेवा आचरण नियमावली का उल्लंघन सिद्ध हुआ। शासन द्वारा 20 मई 2025 को जारी आदेश के अनुसार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अनुशासन एवं अपील नियमावली के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।