
लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की साइबर क्राइम सेल ने धोखाधड़ी से ठगे गए 1,96,000 रुपये पीड़ित के खाते में वापस कराने में सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त लखनऊ के निर्देशन में संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), पुलिस उपायुक्त (अपराध) और अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) के मार्गदर्शन एवं साइबर क्राइम सेल प्रभारी निरीक्षक श्री रत्नेश कुमार सिंह के नेतृत्व में की गई।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि गिरिजाशंकर नामक व्यक्ति ने 18 मार्च 2025 को एक फोन कॉल प्राप्त किया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताया और लिमिट बढ़ाने के नाम पर धोखाधड़ी कर 1,96,000 रुपये की ठगी कर ली। गिरिजाशंकर ने 19 मार्च 2025 को साइबर क्राइम सेल में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई, जो कि मामला संख्या 1413/2025 के तहत दर्ज हुई।
साइबर क्राइम सेल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक और कंपनियों से पत्राचार कर मामले की जांच की। त्वरित कार्यवाही के परिणामस्वरूप ठगी गई धनराशि पीड़ित के खाते में पुनः वापस कराई गई। इससे पीड़ित व्यक्ति अत्यंत प्रसन्न है और पुलिस कमिश्नरेट की सराहना की है।
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति को, जो कस्टमर सपोर्ट अधिकारी होने का दावा कर ओटीपी, यूपीआई पिन या सीवीवी जैसे संवेदनशील जानकारियां मांगें, उन्हें कभी न बताएं ताकि वे साइबर ठगी का शिकार न बनें।धनराशि वापस कराने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक रत्नेश कुमार सिंह, कांस्टेबल शमशाद अली, कांस्टेबल धीरेन्द सिंह, कांस्टेबल मनोज कुमार और कांस्टेबल सनीफ रजा शामिल थे।