
लखनऊ। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉक्टरों ने एक अत्यंत जटिल और दुर्लभ ओपन-हार्ट सर्जरी कर फतेहपुर की 46 वर्षीय नज़मा बानो की जान बचाई है। उन्हें 30 मई की सुबह गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। न केवल उनके दिल में लगी डिवाइस अपनी जगह से खिसक चुकी थी, बल्कि इससे दिल की एक नस भी फट गई थी, और उनकी हालत इतनी नाज़ुक थी कि ब्लड प्रेशर तक मापने योग्य नहीं रह गया था।
नज़मा बानो को जन्म से ही ‘एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट’ नामक जन्मजात हृदय रोग था, जिसमें दिल के ऊपरी दो चैम्बरों के बीच छेद होता है। 29 मई को प्रयागराज में उनका डिवाइस क्लोजर प्रोसिजर किया गया था, लेकिन डिवाइस खिसककर दिल की एक वॉल्व के पास जा फंसी। डिवाइस निकालने के दौरान दिल की एक नस (लेफ्ट एट्रियल एपेंडेज) फट गई और दिल के चारों ओर खून जमा होने लगा। स्थिति लगातार बिगड़ रही थी और स्थानीय अस्पताल में सर्जरी की सुविधा नहीं थी।
ऐसे में तुरंत मैक्स हॉस्पिटल, लखनऊ के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. विशाल श्रीवास्तव से संपर्क किया गया। डॉ. श्रीवास्तव ने तुरंत मरीज को स्थिर करने के लिए टेम्पररी ड्रेनेज और ऑटोट्रांसफ्यूजन (खुद के खून को वापस चढ़ाने) की सलाह दी, जिससे नज़मा को सुरक्षित लखनऊ लाया जा सका। उन्होंने बताया कि जब नज़मा को तड़के करीब 3:30 बजे अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया, तब वह होश में थीं लेकिन गहरे शॉक में थीं और कुछ ही मिनटों में कार्डियक अरेस्ट आ गया। तुरंत CPR शुरू किया गया, लेकिन शुरुआत में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। सौभाग्य से इमरजेंसी और सर्जरी टीम पहले से सतर्क थी।
मरीज को तत्काल ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया, जहां CPR के साथ-साथ छाती खोलकर सीधे कार्डियक मसाज किया गया और ज़रूरी लाइफ सपोर्ट उपाय शुरू किए गए।
हालात की गंभीरता को देखते हुए डॉ. श्रीवास्तव और उनकी टीम ने तत्काल ओपन-हार्ट सर्जरी का निर्णय लिया। इस ऑपरेशन में पहले खिसकी हुई डिवाइस को हटाया गया, फिर फटी हुई नस की मरम्मत की गई और दिल में मौजूद मूल छेद को बंद किया गया। चार घंटे तक चली इस जटिल सर्जरी के बाद नज़मा को आईसीयू में शिफ्ट कर निगरानी में रखा गया। डॉक्टरों की लगातार देखरेख में उनकी हालत में तेजी से सुधार हुआ और एक सप्ताह के भीतर उन्हें पूरी तरह स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
आज नज़मा बानो सामान्य जीवन जी रही हैं। यह केस सिर्फ एक कठिन सर्जरी की सफलता नहीं है, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ की विशेषज्ञ टीम हर स्थिति में मरीजों की जान बचाने के लिए तत्पर रहती है। डॉक्टरों की सूझबूझ, तकनीकी दक्षता और तत्क्षण निर्णय क्षमता ने एक और जीवन को समय पर चिकित्सा मुहैया कराकर सुरक्षित कर लिया।