
गोरखपुर। गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में संघ शताब्दी दीपोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘विचार-परिवार कुटुम्ब स्नेह मिलन’ था, जिसमें विचार परिवार से जुड़े स्वयंसेवकों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम परिवार संस्कारों, सामाजिक एकजुटता और सामूहिक विचारों को साझा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों ने एक-दूसरे को पावन पर्व दीपावली की शुभकामनाएं दीं और परिवारों के बीच सहयोग, एकता और सामाजिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा की। कुटुम्ब मिलन का यह आयोजन पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों को प्रोत्साहित करने वाली एक पाठशाला के रूप में देखा गया।
इस अवसर पर आयोजकों ने यह बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ उत्सव मनाना नहीं था, बल्कि परिवार और समाज में आपसी समझ और सहयोग बढ़ाने पर जोर देना था। उपस्थित स्वयंसेवकों ने अपने अनुभव साझा किए और यह भी चर्चा की कि कैसे पारिवारिक संस्कार और सामूहिक गतिविधियां सामाजिक समरसता में योगदान कर सकती हैं।
कार्यक्रम के दौरान विचार परिवार से जुड़े विभिन्न सदस्य अपने विचार साझा कर रहे थे और छोटे-छोटे समूहों में बातचीत के जरिए अनुभवों का आदान-प्रदान किया गया। इस तरह के आयोजन से स्थानीय समुदाय में सामाजिक संबंधों को मजबूती मिलती है और नए स्वयंसेवकों को भी पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के महत्व का अनुभव होता है।
इस कार्यक्रम का महत्व इस बात में भी देखा गया कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक मंच प्रदान करता है, जहां स्वयंसेवक न केवल उत्सव के आनंद में शामिल होते हैं बल्कि परिवार और समाज के प्रति जिम्मेदारी और सहयोग की भावना को भी समझते हैं।
उपस्थित सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सकारात्मक और प्रेरक बताया और यह आशा व्यक्त की कि भविष्य में ऐसे आयोजन नियमित रूप से किए जाएंगे ताकि युवा और वरिष्ठ दोनों स्तर के स्वयंसेवक सामाजिक मूल्यों और पारिवारिक संस्कारों को समझें और उन्हें अपने जीवन में उतार सकें।
संक्षेप में, गोरखपुर में आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक उत्सव नहीं बल्कि परिवार और समाज के बीच संवाद और सहयोग बढ़ाने का माध्यम रहा। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों को मजबूत करना केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास का परिणाम भी है।