
•कादरी रशीदी की गिरफ्तारी पर देश भर में जुबानी सियासत गर्म।
कोलकाता। गार्डेनरीच थाने में शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज करने वाले वजाहत खान की गिरफ्तारी के बाद सियासत गरमा गई है। वहीं कोर्ट ने कल वजाहत खान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। उसे कोर्ट ने 16 जून तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया है।
अलीपुर कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अमित सरकार ने उक्त निर्देश दिया। इस दौरान हरियाणा और असम की पुलिस टीमें भी अदालत में मौजूद थीं, कारण उक्त राज्यों की पुलिस वजाहत खान कादरी रशीदी के लिए गिरफ्तारी वारंट लेकर आई थी। वजाहत को सोमवार की शाम कोलकाता पुलिस ने अमहर्स्ट स्ट्रीट के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया था। आरोपी को असम व हरियाणा पुलिस ट्रांजिट रिमाण्ड पर अपने राज्यों में ले जाना चाहती है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक वजाहत खान पर बीएनएस की धारा 196(1)(ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 299 (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 353(1)(सी) (सार्वजनिक शरारत को भड़काने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने पुलिस की तीन समन को नजरअंदाज करने और एक हफ्ते से ज्यादा समय तक फरार रहने के आरोप के बाद गिरफ्तार किया गया।
वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि, खान के खिलाफ असम में भी कथित तौर पर “देवी मां कामाख्या के खिलाफ अस्वीकार्य टिप्पणी” करने के लिए मामला दर्ज किया गया है। मामले अब कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि असम पुलिस ने खान की तलाश की थी, जो शिकायत दर्ज होने के बाद से फरार था।
जबकि, हरियाणा पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले चंदन कुमार शाह ने अदालत को बताया, “उसने जो पोस्ट किया, उसकी वजह से कई इलाकों में समस्याएं पैदा हो गई हैं। उसने भगवान कृष्ण और कामाख्या का अपमान किया है। हमारे पास वारंट है और हम हिरासत की मांग कर रहे हैं।”
खान के खिलाफ पहली शिकायत 2 जून को श्री राम स्वाभिमान परिषद ने दर्ज कराई थी। संगठन ने आरोप लगाया कि खान के पोस्ट धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देते हैं और सार्वजनिक अव्यवस्था को भड़का सकते हैं।
बहरहाल वजाहत को असम व हरियाणा पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर ले जाना चाहती है। इधर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इस गिरफ्तारी पर राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे गिरफ्तारी नहीं, बल्कि प्रोटेक्शन कस्टडी करार दिया।
सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह प्रोटेक्शन कस्टडी है। पीसी मतलब पुलिस कस्टडी नहीं, प्रोटेक्शन कस्टडी। उसे प्रोटेक्शन दिया जा रहा है ताकि असम पुलिस आकर उसे गिरफ्तार न कर सके। प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर ही कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।