बस्ती। स्वामी दयानंद पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुरतीहट्टा बस्ती में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका शुभारम्भ आचार्य अखिलेश आर्य के सानिध्य में वैदिक यज्ञ से किया गया। विद्यार्थियों ने वैदिक मंत्रों से आहुतियां दीं।

इस अवसर पर ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि विद्यार्थी को जिज्ञासु होना चाहिए और चरित्र निर्माण के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।अच्छा होना अपने आप में एक पुरस्कार है। जीवन में एकमात्र समस्या गलत सोच है इसलिए जो कुछ भी सीखा है, उसे जीवन में उतारें। स्वयं से हार कभी न मानें। अपने आशीर्वादों का मूल्य समझें। अपने दृष्टिकोण के अनुरूप जीवनशैली अपनाएं और पूरा परिश्रम उसी के लिए लगाएं। चारों ओर ईश्वर की उपस्थिति को अनुभव करते हुए कार्य करें तभी एक आदर्श व्यक्ति बन सकेंगे।
बताया कि जो व्यक्ति सकारात्मक विचार रखता है, सत्य प्रिय और हितकारी वाणी में परस्पर संवाद करता है, अनैतिक कर्मों से दूर रहता है, अपनी बुद्धि औऱ विवेक के द्वारा सत्य और असत्य का परीक्षण करने की क्षमता रखता है, सात्विक भोजन का सेवन करता है औऱ तामसिक पदार्थों से सदैव दूर रहता है, परिवार, समाज, पाठ्यक्रम, अनुभव और प्रकृति के द्वारा निरन्तर ज्ञान का सृजन-संवर्धन और वितरण करता है, शरीर की शुद्धि करने में और उसकी अशुद्धियों को नाश करने में तत्व होकर योगाभ्यासों करता है, ऐसे व्यक्ति के शरीर मे रोग नहीं आते है।
लखनऊ से पधारे आचार्य अखिलेश आर्य जी ने समस्त को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें बुरे समय में यानी मुश्किल परिस्थितियों में दुःखी नहीं होना चाहिए जबकि सुख के दिनों में हमें बहुत ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए। सुख हो या दुख हमें हर समय प्रसन्न रहना चाहिए। कार्यक्रम मे विद्यालय के समस्त छात्र/छात्राओं एवं शिक्षक/शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया।
