
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग वर्ष 2022 की टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) भर्ती परीक्षा 21 व 22 जुलाई को होना था। लेकिन आयोग ने परीक्षा नहीं कराई। हद तो तब हो गई कि आयोग ने परीक्षा न कराने की कोई सूचना ही नहीं जारी किया। आयोग की इस कार्यशैली से नाराज प्रतियोगियों ने स्वयं एक प्रश्नपत्र तैयार किया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं।
इसके ज़रिए वह नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। तरह-तरह के लेटर वायरल कर आयोग के प्रति तंज कस रहे हैं। एक फेक लेटर वायरल हो रहा है जिसे आयोग की तरफ से जारी किया जाना बताया जा रहा है। इसमें लिखा है कि आयोग की अध्यक्ष के सुपौत्र के मुंडन कार्यक्रम के कारण यह परीक्षा स्थगित कर दी गई है।
बिना कोई नोटिस जारी किए अपनी परीक्षा टालने वाला भारत का पहला आयोग बना? इसके उत्तर में चार विकल्प दिए। पहला- उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग, दूसरा- यूपीएसएसएससी, तीसरा- यूपीपीएससी तथा चौथा विकल्प- यूपीएससी। चूंकि इस परीक्षा का आयोजन उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को करना था, इसलिए यही इस प्रश्न का सही उत्तर है। प्रतियोगियों द्वारा तैयार किया गया दूसरा प्रश्न है, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अपनी टीजीटी परीक्षा कितनी बार टाल चुका है? उत्तर के चारों विकल्प – 1, 2, 3, 4 दिए गए हैं।
टीजीटी-2022 परीक्षा के माध्यम से कुल 3539 पदों पर भर्ती होनी है। इसके लिए 8.68 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। तीन वर्ष से ज्यादा समय से ये अभ्यर्थी परीक्षा के आयोजन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अपने गठन के बाद आयोग ने चार व पांच अप्रैल-2025 को परीक्षा आयोजन की तिथि घोषित की, लेकिन बाद में परीक्षा स्थगन की सूचना जारी कर नई तिथि 14 मई व 15 मई घोषित कर दी गई। इसे भी नोटिस जारी कर स्थगित कर फिर नई तिथि 21 व 22 जुलाई निश्चित की गई। यह तिथि नजदीक आने पर प्रतियोगी प्रवेश पत्र मिलने की प्रतीक्षा करते रहे और आयोग की वेबसाइट खंगालते रहे, लेकिन प्रवेश पत्र जारी नहीं हुआ। परीक्षा भी नहीं हुई। आयोग के परीक्षा नियंत्रक देवेन्द्र प्रताप सिंह की ओर से परीक्षा स्थगन की कोई सूचना भी जारी नहीं की गई।