
•उस्ताद शायर सोज़ नजीबाबादी को जिगर अवार्ड 2025 से शॉल ओढाकर व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया
•महफिल ए मुशायरे में शायरो ने उम्दा कलाम पेश कर खूब दाद हासिल की
•हसीन ख्वाब था, ख्वाबो में रख के भूल गया… कलम हिन्दुस्तानी
शादाब जफर
रिपोर्ट : अभिनव अग्रवाल।
नजीबाबाद। बज़्म ए जिगर नजीबाबाद की ओर से हुआ उस्माद शायर सोज़ नजीबाबादी के एजा़ज़ में जश्न ए सोज़ नजीबाबादी व महफिल ए मुशायरे का आयोजन। बज़्म ए जिगर की ओर से अदबी खिदमात के उस्ताद शायर को जिगर अवार्ड 2025 से प्रतीक चिन्ह व शॉल ओढाकर सम्मानित किया गया।



बीती रात मशहूर शायर शादाब जफर शादाब के आवास मौहल्ला नवाबपुरा मे हैदराबाद से तशरीफ़ लाये पूर्व नजीबाबाद निवासी उर्दू के मशहूर साहिब दिवान उस्ताद शायर सोज़ नजीबाबादी के एजा़ज़ में जश्न ए सोज़ नजीबाबादी व महफिल ए मुशायरे का आयोजन बज़्म ए जिगर नजीबाबाद की ओर से किया गया।
इस मौके पर बज़्म ए जिगर नजीबाबाद के सरपरस्त शायर मौसूफ अहमद वासिफ, अध्यक्ष डाक्टर रईस भारती, सेकेट्ररी शादाब जफर, नायब सेकेट्ररी डाक्टर तैय्यब जमाल ने शॉल ओढाकर व प्रतीक चिन्ह्र जिगर अवार्ड प्रदान किया।
इस मौके पर मशहूर शायर मौसूफ अहमद वासिफ ने कहा कि डाक्टर सोज़ नजीबाबादी की ग़जले और उनका शहद से मीठा तरन्नुम अदब नवाज लोगो को आज भी याद है। वो जरियाए माश की खातिर नजीबाबाद से हिजरत कर भले ही हैदराबाद मुकाम हो गये। मगर आज भी वो शहर के साहिब ए जो़क लोगों के दिलो में बसे है और हमेशा बसे रहेंगे।
महफिल ए मुशायरे का आगाज तिलावत ए कुरान से डाक्टर तैय्यब जमाल व नात ए नात ए रसूल ए पाक से अकरम जलालाबादी ने किया।
ग़ज़ल के दौर में शायर शादाब जफर शादाब ने कहा…. मैं अपने प्यार को बाहो में रख के भूल गया, हसीन ख्वाब था ख्वाबो में रख के भूल गया। महफिल ए मुशायरे में मौसूफ अहमद वासिफ, उबैद नजीबाबादी, नसीम नजीबाबादी, आसिफ मिर्ज़ा, सूफीयान मुल्तानी, अकरम जलालाबादी, डाक्टर तैय्यब जमाल, कमर कल्हेडवी, डाक्टर रईस भारती और उस्ताद सोज़ नजीबाबादी का कलाम शादाब जफर ने पेश कर खूब दाद हासिल की। मुशायरे में अबरार सलमानी, नसीम उस्मानी, अदीब शादाब, रियाज़ साहिल, मरगूब हुसैन नासिर, इरफान ताहिर आदि लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बज़्म ए जिगर के सदर डाक्टर रईस भारती ने की व संचालन मेज़बान शादाब जफर शादाब ने किया।