
सुल्तानपुर। स्वशासी राजकीय मेडिकल कालेज मे जिला स्वास्थ्य समिति के सौजन्य से विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम एवं स्क्रीनिंग कैम्प कैंसर अवेयरनेस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे चिकित्सकों के साथ साथ बड़ी संख्या मे समाजसेवी संगठन के सदस्य भी उपस्थित रहे।
शिविर का संचालन कर रहे डॉ. अम्बर केसरवानी ने बताया कि लक्षण को पहचान कर जागरूक होने की आवश्यकता है ना कि घबराने की, कैंसर के लक्षण को देख कर घबरायें नहीं अभिभावक छोटे बच्चों के सामने रोल मॉडल बने उनके सामने अच्छा उदाहरण पेश करे आप जो आचरण करते है बच्चे उसी को फॉलो करते है। अगर आप बच्चों के सामने धूम्रपान करते है तो बच्चे उसे अच्छा समझ कर उसे ही अपने आचरण मे उतारते हैं। परिवार मे किसी एक को कैंसर उसके लिए ही नहीं अपितु पूरे परिवार और समाज को कैंसर का कारण प्रभावित करता है धूम्रपान ना करे ये ओरल कैंसर का मुख्य कारक होता है।
ओरल कैंसर :-
ओरल कैंसर के बारे मे जागरूक करते हुए एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. अंकित अग्रवाल ने बताया कि भारत मे ख़ास तौर से उत्तर प्रदेश मे 30% लोग ओरल कैंसर से प्रभावित है। पान मसाला सिगरेट का सेवन इसका मुख्य कारण है मुँह का कम खुलना, आवाज का बदलना ये सब इसके लक्षण होते है लक्षणों के प्रति जागरूक रहते हुए समय समय पर चेकअप करवाते रहे पान मसाला चबाना इसका मुख्य कारण है इसके बचाव के लिए शराब और पान मसाला का सेवन छोड़े और जिंदगी को जिए।
सरवाईकल कैंसर :
स्त्री प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनाली श्रीवास्तव ने सरवाईकल कैंसर के बारे मे बताया इसके मुख्य कारण एचपीबी वायरस है महिलाओं मे मासिक धर्म की अनियमिताताएं यौन समस्या के चलते इस बीमारी को बढ़ावा मिलता है पाइपस्मिया जाँच समय समय पर करवाते रहना चाहिए जो कि मेडिकल कालेज मे निःशुल्क उपलब्ध है। जाँच करवा कर ही इसका इलाज संभव है जाँच मे लापरवाही नहीं करनी चाहिए ना ही चिकित्सकों से कुछ भी छिपाना चाहिए तभी इस बीमारी का इलाज सही समय पर ठीक से हो सकता है जागरूक बन कर जाँच करवाए भारत सरकार जल्द ही इसका वैक्सीन भी उपलब्ध करवाने जा रही है।
स्तन कैंसर :-
सर्जरी विभाग की चिकित्सक डॉ. किरन रिबेलो ने बताया कि स्तन कैंसर महिला और पुरुष दोनों मे हो सकते है कोशिकाओं मे वृद्धि होने से उनमें ये गाँठ का रूप ले लेती है जो कैंसर का रूप बन सकती है इसके प्रमुख कारण तथा लक्षण महिलाओ का स्तनपान नहीं कराना, मोटापा, वजन बढ़ना पहला बच्चा अधिक उम्र में पैदा होना या कोई बच्चा न होना ,शराब का सेवन, अनियमित जीवनशैली होती है हमारे पास प्रतिदिन ओपीडी में स्तन गांठ के 10 से 20 मरीज आते हैं, लेकिन सभी स्तन गांठ के मरीजों में कैंसर नहीं होता है स्तन की मैमोग्राफी और यू.एस.जी. की जाती है कैंसर और स्यागिन के निदान की पुष्टि के लिए एफएनएसी जांच और बायोप्सी की जाती है मेडिकल कॉलेज में, हम रोगियों की जागरूकता और स्तन कैंसर के शीघ्र निदान और उपचार की दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हम स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रत्येक स्तन गांठ के ऑपरेशन के बाद, स्तन कैंसर की संभावना को खत्म करने के लिए नमूना हिस्टोपैथोलॉजी के लिए भेजा जाता है हम मरीजों को जागरूक भी कर रहे हैं, मरीजों में जागरूकता फैला रहे हैं जरूरत है समाज मे भी लोग जागरूक बने और इसके लक्षण पहचान कर सही समय पर इसका इलाज करवाये।
पैथॉलाजी की इंचार्ज डॉ. सुपर्ना ने बताया कि जागरूकता जरूरी है लेकिन जागरूकता के साथ साथ स्क्रीनिग भी उतनी ही जरूरी है इसकी मुख्य जाँच पाईपिस्मिया जाँच निःशुल्क मेडिकल कालेज मे उपलब्ध है सभी महिलाओ की 25 से 40 उम्र तक करवाना जरूरी है जो यहां उपलब्ध है। एफएनएसी जाँच भी जल्द ही मेडिकल कालेज मे प्रारम्भ कि जाएगी जिसमे सुइयो कि मदद से कैंसर टीशु की पहचान की जाती है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर ओम प्रकाश चौधरी ने बताया कि कैंसर हमारे शरीर के किसी भी भाग मे हो सकता है शरीर मे कुछ असमान्यता होना या गाँठ का होना उनमें दर्द होना या दर्दरहित होना दोनों ही दशा मे जाँच करवाना अति आवश्यक होता है समय रहते बिना कोई संकोच के व्यक्ति को जाँच करवाते रहना चाहिए सबसे ज़्यादा ख़तरनाक लिवर कैंसर होता है जो कि शराब सिगरेट के सेवन से होता है।जागरूकता आवश्यक होती है लक्षण पहचानते हुए समय रहते यदि जाँच होती है तो इसका इलाज भी संभव है।
मेडिकल कालेज के प्रचार्य डॉक्टर सलिल श्रीवास्तव ने कहा विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर हर साल हम लोगो को जागरूक करते रहते है। हमें विश्व कैसर दिवस मनाना ही नहीं चाहिए अपितु उसको अपने आचरण मे उतारना भी चाहिए, कैंसर पेशेंट की सहायता मे आगे आना चाहिए उसका मनोबल बढ़ाना चाहिए जरूरत है खुद भी जागरूक होने की और साथ ही साथ पूरे समाज को जागरूक करने की।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस के गोयल ने कैंसर के प्रति लोगो को जागरूक करते हुए उन्हें समाज को भी जागरूक करने का सन्देश दिया तथा विशेष तौर से पत्रकारों तथा समाजसेवियों को धन्यवाद भी दिया कहा मीडिया और समाजसेवियों के माध्यम से ही कैंसर के प्रति जागरूकता काफ़ी हद तक फ़ैल सकती है इनका योगदान समाज मे अभिन्न होता है।
सीएमएस डॉ. एस के गोयल ने उपस्थित सभी सदस्यों का ह्रदय से अभिनंदन किया। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर मेडिकल कालेज मे चिकित्सकों के साथ साथ समाजसेवी भी बड़ी संख्या मे उपस्थित रहे और कैंसर जागरूकता शिविर से कैंसर के बारे मे जागरूक बन कर समाज को जागरूक करने मे अपना उत्साह दिखलाया।