
•प्रेक्षागृह में आयोजित संगोष्ठी में हुआ विचार-विमर्श।
बस्ती। देश के महान वीर सपूत महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती शुक्रवार को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सिविल लाइंस तिराहे पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व ब्लॉक प्रमुख एवं भाजपा नेता कृष्णचन्द्र सिंह के संयोजन में हुआ।

मुख्य अतिथि सांसद जगदम्बिका पाल ने प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद पं. अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि – “हालिया पहलगाम घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में चलाया गया ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पाकिस्तान को चेतावनी है। ऐसी ही प्रेरणा हमें महाराणा प्रताप और राणा सांगा जैसे वीरों से मिलती है, जिन्होंने भारत की अस्मिता की रक्षा के लिए सर्वस्व बलिदान दिया।”
पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि – “भारतीय इतिहास में जब भी वीरता की चर्चा होती है, महाराणा प्रताप का नाम सबसे पहले लिया जाता है। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।”
विधायक अजय सिंह, एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ल, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र, पूर्व आईएएस ओ.एन. सिंह, पवन कसौधन, ऐश्वर्यराज सिंह, राना दिनेश प्रताप सिंह समेत अन्य वक्ताओं ने कहा कि हर युग में समय के अनुरूप नायक पैदा होते हैं। भारत निर्माण में अनेक महापुरुषों का योगदान रहा है और युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों को आत्मसात करें।
कार्यक्रम के उप संयोजक अरविन्द पाल और महेश चन्द्र सिंह ने कहा कि – “महापुरुष संघर्ष की कोख से जन्म लेते हैं। भारत अपने महापुरुषों की प्रेरणा से पुनः एक सशक्त राष्ट्र बनकर उभर रहा है।”
कार्यक्रम संयोजक कृष्णचन्द्र सिंह ने हल्दीघाटी युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि – “महाराणा प्रताप अत्यंत स्वाभिमानी और अडिग नायक थे। जब अकबर के सारे प्रयास असफल हो गए, तब हल्दीघाटी का ऐतिहासिक युद्ध हुआ।”
एपीएन पी.जी. कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अमन प्रताप सिंह ने कहा कि – “महाराणा प्रताप ने अप्रतिम वीरता और रणनीति के साथ युद्ध लड़ा। चेतक का बलिदान उनकी वीरगाथा का अमर प्रतीक है।”
इस अवसर पर अशोक सिंह ‘यशकान्त’, योगेश शुक्ल, ध्रुवचन्द्र सिंह, संजय सिंह, जितेंद्र पाल, आसमान सिंह, संतोष पाल, जनार्दन सिंह, श्याम चन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, के.के. सिंह, गोपाल यादव, चन्द्रकेश सिंह ‘मनोज’, अर्जुन चौधरी, प्रियांशु सिंह, राहुल चौधरी, पंकज सिंह, शक्ति सिंह, नीरज सिंह, सौरभ सिंह, शिवम सिंह, राज पाण्डेय, विशाल चौधरी, बीर बहादुर सिंह, विपुल सिंह, महन्त पाल, लक्की पाल, पवन सिंह, आशीष कुमार सिंह, रणंजय सिंह, विजय मिश्र, महेश यादव, शिव मोहन सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।