
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। शनिवार सुबह बिलासपुर जिले की उप तहसील नम्होल के गांव गुतराहन में बादल फटने की घटना सामने आई, जिससे क्षेत्र में भारी तबाही हुई। इससे 10 से ज्यादा गाड़ियां मलबे में दब गई। भारी बारिश के बाद जगह जगह लैंडस्लाइड से कई किसानों की जमीन भी बह गई है। वहीं, मंडी जिला के धर्मपुर के सपड़ी रोह गांव में भी सुबह चार बजे पहाड़ी से बड़ा लैंडस्लाइड हो गया। इससे कई घरों को खतरा पैदा हो गया है। इसके बाद, प्रशासन ने 8 घरों को खाली करवा दिया गया है।
वहीं, भरमौर-पठानकोट नेशनल हाईवे पर तुन्नूहट्टी, लाहड़ और मैहला के पास शुक्रवार रात भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ। इससे सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोग वाहनों में ही रात बिताने को मजबूर हुए। एनएच मंडल के अधिशासी अभियंता मीत शर्मा ने बताया कि पेड़ गिरने और मलबा आने के कारण सड़क बंद हो गई थी, जिसे बहाल करने का कार्य जारी है। राज्य में जगह-जगह हो रहे भूस्खलन के कारण सैकड़ों सड़कें बंद हैं। कई इलाकों में बिजली ट्रांसफार्मर और जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप पड़ी हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई हिस्सों में 19 सितंबर तक बारिश का पूर्वानुमान जताया है। 13 और 14 सितंबर के लिए कुछ स्थानों पर भारी बारिश और अंधड़ चलने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार सुबह से ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। शिमला में जहां धूप के साथ बादल छाए हुए हैं, वहीं पालमपुर, कांगड़ा और जोगिंद्रनगर जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश दर्ज की गई है।
मानसून सीजन के आंकड़े भी चिंताजनक हैं। 20 जून से 12 सितंबर तक प्रदेश में कुल 4,465 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इस अवधि में 386 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 168 की जान सड़क हादसों में गई है। इसके अलावा 451 लोग घायल हुए हैं और 41 लोग अब भी लापता हैं। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
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