
जयपुर/चंडीगढ़।
राजस्थान और हरियाणा में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई की है। 30 अप्रैल 2025 से शुरू हुए विशेष अभियान में अब तक राजस्थान से 1,000 से अधिक और हरियाणा से 237 घुसपैठिए पकड़े जा चुके हैं।
राजस्थान:
राजस्थान में पकड़े गए घुसपैठियों में 376 पुरुष, 284 महिलाएं और 341 बच्चे शामिल हैं। सीकर जिले से सबसे ज्यादा 394 घुसपैठिए पकड़े गए हैं, इसके अलावा जयपुर (218), अलवर (103), कोटपूतली-बहरोड़ (117) और भिवाड़ी (67) से भी बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया। ये लोग फर्जी आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनवाकर स्थानीय निवासी बनकर रह रहे थे। महिलाएं घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थीं, जबकि पुरुष ईंट भट्टों, खानों में मजदूरी, कबाड़ बीनने और बेलदारी जैसे कार्यों में लगे थे। कुछ के खिलाफ चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों के मामले भी दर्ज हुए हैं।राज्य सरकार ने 8 मई 2025 को गृह मंत्रालय के निर्देश पर हर जिले में विशेष टास्क फोर्स और होल्डिंग सेंटर बनाए हैं।
15 मई को 148 घुसपैठियों का पहला जत्था विशेष विमान से पश्चिम बंगाल भेजा गया, जहाँ से बीएसएफ उन्हें उनके मूल देश बांग्लादेश या म्यांमार वापस भेजेगी। आगे भी और जत्थों को भेजने की तैयारी चल रही है।
हरियाणा:
हरियाणा के नूहँ, झज्जर और हाँसी जिलों में 237 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए हैं। नूहँ जिले में 125, झज्जर के भदानी गाँव में 47 और हाँसी में 26 घुसपैठिए हिरासत में लिए गए। 12 मई को हाँसी से 39 और लोग पकड़े गए, जो खुद को बंगाली मजदूर बताकर ईंट भट्टों पर काम कर रहे थे। पुलिस को शक है कि इन लोगों ने बिना वैध दस्तावेजों के देश में प्रवेश किया और मजदूरी व अन्य कार्यों में खुद को छिपाकर रखा।
प्रशासनिक कार्रवाई: स्थानीय पुलिस अब उन भट्टा मालिकों और कारोबारियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है, जो बिना सत्यापन के इन घुसपैठियों को काम दे रहे थे। नूहँ पुलिस ने सभी व्यवसायियों से कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराने की अपील की है। सरकार और गृह मंत्रालय की निगरानी में चल रहे इस व्यापक अभियान का उद्देश्य देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है। दोनों राज्यों में अब तक हुई कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि प्रशासन घुसपैठियों के प्रति सख्त रवैया अपनाए हुए है और इस दिशा में और कदम उठाए जा रहे हैं।