
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक पर्यटन स्थलों के उन्नयन के तहत आजमगढ़ जिले में स्थित प्राचीन दुर्वासा ऋषि आश्रम के विकास की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री द्वारा इस परियोजना के लिए लगभग 1 करोड़ रुपए की धनराशि मंजूर की गई है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह कदम प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को नई पहचान देने के साथ-साथ क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और स्थानीय रोजगार के अवसर सृजित करेगा।
मंत्री ने बताया कि दुर्वासा ऋषि आश्रम के आसपास पर्यटक सुविधाओं के विकास से आगंतुकों के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध होगा। इसके माध्यम से न केवल धार्मिक आस्था को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि पूर्वांचल क्षेत्र में पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा।आजमगढ़ की धरती प्राचीन काल से आध्यात्मिक ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रही है। यहां तीन महान ऋषियों—दुर्वासा ऋषि, दत्तात्रेय और चंद्रमा ऋषि के धाम स्थित हैं, इसलिए आजमगढ़ को ऋषि-मुनियों की धरती भी कहा जाता है।
दुर्वासा ऋषि आश्रम जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है। सावन और कार्तिक मास में यहां प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। आश्रम तमसा और मंजूषा नदी के संगम पर स्थित है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार मोक्ष प्राप्ति के लिए प्राचीन समय में लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस संगम पर स्नान करते थे। आज भी तीन दिवसीय कार्तिक मेला आयोजित होता है, जिसमें विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंचते हैं। महर्षि दुर्वासा ने 12 वर्ष की आयु में चित्रकूट से इस स्थल पर आकर कई वर्षों तक साधना की।
पौराणिक कथाओं के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर युग में भी इस स्थल का विशेष महत्व रहा।आजमगढ़ पर्यटन के लिहाज से तेजी से उभरता जनपद है। यहां चंद्रमा मुनि आश्रम, दत्तात्रेय मंदिर, भंवर नाथ मंदिर, अवंतिकापुरी धाम, नागा बाबा सरोवर, मेहनगर किला, निजामाबाद स्थित भगवान गणेश और मां दुर्गा मंदिर सहित कई अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल मौजूद हैं। वर्ष 2024 में जिले में 15,82,855 से अधिक पर्यटक आए थे। वहीं, वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में 3,25,841 से अधिक सैलानियों ने जिले का रुख किया। पर्यटन में वृद्धि से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। यह परियोजना न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।