
•मीराबाई जयंती उत्सव में जुटे सैकड़ों प्रतिनिधि, ब्रजधाम में हुआ भव्य स्वागत
रिपोर्ट: अभिनव अग्रवाल।
मथुरा। मध्यकालीन भक्ति साहित्य परम्परा की स्तम्भ मीराबाई की जयन्ती पर ब्रजधाम में उन्हें न केवल याद किया गया अपितु उनके लोक अवदान पर विस्तृत चर्चा हुई। दो दिन तक चले आयोजन का समापन गोवर्धन स्थित दानघाटी आरती स्थल पर हुआ। गुरुवार की देर सायं विमर्श के अंतिम सत्र में वक्ताओं ने मीरा को नारी स्वातंत्र्य और उसकी अस्मिता के लिए संघर्ष करने वाली विद्रोहिणी बताया। संगोष्ठी की अध्यक्षता गोवर्धन नगर पंचायत की अध्यक्ष प्रभा देवी ने की।

कार्यक्रम की शुरुआत गिर्राज जी के स्तवन से हुई। बतौर मुख्य अतिथि पधारे ग्रामीण पत्रकार एशोसिएशन के जिलाध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि एक राजकुल में जन्म व दूसरे राजकुल में ब्याही स्त्री होकर भी वह सामंती व्यवस्थाओं और पुरुषवादी सत्ता को निर्भीकता से चुनौती देने वाली प्रथम सत्याग्रही थीं। मीरा का इकतारा उनके आत्मसम्मान की ढाल बना।
लखनऊ से पधारे साहित्यकार डा. एस.के.गोपाल ने कहा कि मीराबाई की रचनायें गुजराती, पश्चिमी राजस्थानी और ब्रज भाषा में मिलती हैं। उनकी रचनाओं के पाठ भेद भी मिलते हैं। री मैं तो प्रेम दीवाणी को ब्रजभाषा में हरि मैं तो प्रेम दीवानी तथा म्हा तो प्रेम दीवाणी राजस्थानी पाठ मिलते हैं। मीरा हिन्दी के गर्व गौरव की प्रतीक हैं। लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी, समाजसेवी मनीष लम्बरदार, अर्चना गुप्ता, निवेदिता भट्टाचार्य, राजनारायण वर्मा, रश्मि उपाध्याय सहित अन्य ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में देश भर से आये 108 प्रतिनिधियों का ब्रजधाम में जोरदार स्वागत हुआ। लोक संस्कृति शोध संस्थान के तत्वावधान में जुटे श्रद्धालुओं को नगर पंचायत अध्यक्ष प्रभा देवी ने अंगवस्त्रम और प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसके पूर्व शरद पूर्णिमा पर वृन्दावन के परिक्रमा मार्ग स्थित सुखधाम आश्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए सात विभूतियों को मीराबाई सम्मान प्रदान किया गया, जिनमें प्रो. उषा बाजपेयी, भवतारिणी सुन्दरम्, नीता गुप्ता, सौम्या गोयल, अंजलि सिंह, मधु श्रीवास्तव और भावना गरवाल सम्मिलित रहे। साथ ही वृन्दावन व गोवर्धन स्थित दानघाटी आरती स्थल पर कलाकारों ने मीरा के भजनों के साथ ही उन पर केन्द्रित मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियां दीं। संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा।