
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के महानगर थाना क्षेत्र स्थित आरपी लाइन उपडाकघर में खाताधारकों की रकम में फर्जीवाड़ा कर 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी डाकघर के पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने मुख्य आरोपी नीरज सिंह (तत्कालीन उपडाकपाल) के साथ मिलकर यह आर्थिक अपराध अंजाम दिया था। नीरज सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
यह मामला 12 अप्रैल 2023 को तब प्रकाश में आया जब डाकघर के सहायक अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने महानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि नीरज सिंह ने खाताधारकों की जमा धनराशि में कूटरचना कर उसे अपने और परिजनों के खातों में स्थानांतरित किया। इस संबंध में IPC की धाराएं 409, 420, 467, 468, और 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी सतगुरु शरण, जो 1993 से डाकघर में कार्यरत था, ग्राहकों से नकद लेकर फर्जी रसीदें देता और कहता कि सर्वर डाउन है या प्रिंटर खराब है। अपने लंबे कार्यकाल के कारण लोगों का भरोसा हासिल कर वह लगातार फर्जी एंट्रियाँ करता रहा।
दूसरा आरोपी आनंद सिंह, वर्ष 2016 से बक्शी का तालाब स्थित डाकघर में संविदा पर तैनात था। उसकी पहचान नीरज सिंह से वहीं हुई थी, जब नीरज 2016 से 2021 तक वहीं पदस्थ था। पुलिस के अनुसार, 17 मार्च 2022 से 3 फरवरी 2023 के बीच नीरज ने गबन की गई राशि आनंद सिंह के खाते में ट्रांसफर की, जिसे वह बाद में नीरज के खाते में लौटा देता था।
दोनों आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे, जिन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि उनके विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान सतगुरु शरण (64 वर्ष), निवासी जयगोविंद खेड़ा, मोहान, उन्नाव, तथा आनंद सिंह (29 वर्ष), निवासी अस्ती, बक्शी का तालाब, लखनऊ के रूप में हुई है। इस कार्रवाई को महानगर थाने के उपनिरीक्षक सौरभ पांडे और सूर्यबली यादव ने अंजाम दिया।