
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने बीती रात भारत के 15 से अधिक सैन्य ठिकानों पर हमले की साजिश रची, लेकिन भारत के एस-400 डिफेंस सिस्टम ने उसकी चाल विफल कर दी। भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में पाकिस्तान को अपने ही डिफेंस सिस्टम की क्षति उठानी पड़ी। जवाबी कार्रवाई में भारत ने लाहौर स्थित एक वायु रक्षा प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया।
एस-400 की सबसे बड़ी विशेषता इसका मोबाइल होना है, जिसे सड़कों के माध्यम से कहीं भी तैनात किया जा सकता है। इसमें 92Н6Е इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरे रडार लगा होता है, जो लगभग 600 किलोमीटर की दूरी से कई लक्ष्यों की पहचान कर सकता है। आदेश मिलने के 5 से 10 मिनट के भीतर यह प्रणाली ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाती है।
एस-400 एक अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे रूस के अल्माज सेंट्रल डिज़ाइन ब्यूरो ने विकसित किया है। यह प्रणाली मिसाइल, ड्रोन, फाइटर जेट्स और रॉकेट लॉन्चर जैसे हवाई खतरों को रोकने में सक्षम है। एक रेजीमेंट में आठ लॉन्चर होते हैं और प्रत्येक लॉन्चर ट्रक से चार मिसाइलें दागी जा सकती हैं। इस प्रकार, एक रेजीमेंट से एक साथ 32 मिसाइलें छोड़ी जा सकती हैं।
भारत ने पहली बार इस सिस्टम का प्रभावी रूप से उपयोग किया है। इसका नामकरण भगवान विष्णु के शक्तिशाली और सटीक अस्त्र ‘सुदर्शन चक्र’ और रूस में निर्मित ‘एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम’ को ध्यान में रखकर किया गया है। यह प्रणाली दुश्मन की किसी भी घातक योजना को पलक झपकते ही ध्वस्त करने में सक्षम है।