धनपतगंज/सुल्तानपुर। श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के विश्राम दिवस पर बाल व्यास मधुर जी महराज ने सुदामा चरित्र परीक्षित मोक्ष की कथा बहुत ही मार्मिक ढंग से बताया। सुदामा के बारे में बताया कि कृष्ण सुदामा की मित्रता का गोदान पूरी दुनिया करती है। सुदामा इतने गरीब थे कि अपने परिवार को भरपेट भोजन भी नहीं करा पाते थे। पत्नी के बार-बार कहने के बावजूद वह श्री कृष्ण के पास सहायता मांगने के लिए तैयार नहीं होते थे।
सुदामा चरित्र से हमको यह सीट मिलती है कि कठिनाइयां में हमें किस तरह से संघर्ष करना चाहिए और घर बनाए रखना चाहिए। बुरे दिन से परेशान होकर भी सुदामा श्री कृष्ण के पास मदद मांगने के लिए तैयार नहीं हुए। कृष्ण और सुदामा का प्रेम यानी सच्ची मित्रता यही थी कि उन्होंने सुदामा को अपने से भी ज्यादा धनवान बना दिया था। दोस्ती के इसी नेक इरादे का लोग उनकी मित्रता की मिसाल देते हैं। जीवन में आई मछियों का सामना करने की सीख हमें सुदामा से ही मिलती है भगवान के पास होते हुए अपने लिए कुछ नहीं मांगा अर्थात निस्वार्थ समर्पण ही असली मित्रता है।
कथा के दौरान परीक्षित मोक्ष हुआ, भगवान सुखदेव की विदाई का वर्णन किया गया। बाल व्यास मधुर जी महाराज जी के द्वारा बताया गया कि राजा परीक्षित ने 7 दिन तक श्रीमद् भागवत कथा सुनी, जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल जाता है। श्राप का निर्धारित समय आने पर तक्षक उन्हें डस लेता है जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। राजा परीक्षित भगवान कथा के प्रभाव से परमधाम को जाते हैं। श्री मद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के विश्राम दिवस पर पत्रकार संतोष पाण्डेय ने सभी कथा भक्तों को पूर्ण मन से कथा श्रवण करने के लिए धन्यवाद दिया। कथा में शामिल अनुराग शास्त्री ने कहा कि मानव उद्धार का मार्ग प्रभु की भक्ति ही है।
इस पावन अवसर पर डॉ आर के मिश्र ब्लड बैंक प्रभारी, रणधीर सिंह ब्लॉक अध्यक्ष कुड़वार, त्रिभुवन नाथ तिवारी शिक्षक, रमा शंकर मिश्र संकुल शिक्षक, कैप्टन के के पाठक, रजनीश मिश्रा अध्यक्ष अटल सेना, प्राचार्य इंटर कॉलेज वलीपुर अनिल तिवारी, संतोष तिवारी, राजेश दुबे निर्माण, शीतला प्रधान, शिव प्रसाद दुबे, राम कृष्ण दुबे, मुन्ना दुबे, सुरेंद्र तिवारी शिक्षक, शिव नाथ यादव, वरुण तिवारी, सहित सैंकड़ों कथा प्रेमियों ने पाण्डेय परिवार के साथ कथा श्रवण किया।