नई दिल्ली। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में चिकित्सकों की एक विशेषज्ञ टीम ने चिकित्सा विज्ञान की एक अनोखी मिसाल पेश की है। टीम ने एक युवक के काटे गए पैर की उंगली से नया अंगूठा बनाकर उसे उसके हाथ में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया।
अस्पताल के प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और हैंड माइक्रोसर्जरी विभाग की टीम ने यह जटिल सर्जरी 20 वर्षीय युवक पर की, जिसने सडक़ दुर्घटना में अपना बायां पैर (घुटने के नीचे तक) और बाएं हाथ का अंगूठा खो दिया था।
दुर्घटना के तुरंत बाद युवक को अस्पताल लाया गया, जहां ट्रॉमा टीम ने तत्काल उपचार शुरू किया। जांच में पाया गया कि मरीज के पैर और अंगूठे में गंभीर चोटें थीं, जिससे उन्हें दोबारा जोडऩा संभव नहीं था। ऐसे में डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों की अनुमति लेकर एक कठिन निर्णय लिया—काटे गए पैर की दूसरी उंगली का उपयोग कर हाथ के लिए नया अंगूठा तैयार करने का।
यह जटिल सर्जरी अस्पताल के प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और माइक्रोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. महेश मंगले के नेतृत्व में की गई। टीम में डॉ. निखिल झुनझुनवाला (कंसल्टेंट, हेड एंड माइक्रोसर्जन), डॉ. अर्जुन कृष्णा (डीएनबी रेजिडेंट) और डॉ. ऋषिका बचानी (डीएनबी रेजिडेंट) भी शामिल थे।
चिकित्सकों के अनुसार, यह सर्जरी न केवल हाथ की कार्यक्षमता को बहाल करने में सफल रही, बल्कि जिस अंग को बचाया नहीं जा सकता था, उसका उपयोग कर मरीज के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया गया।
सर गंगा राम अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में माइक्रोसर्जरी की शुरुआत वर्ष 1981 में हुई थी। विभागाध्यक्ष डॉ. मंगले ने बताया कि तब से अब तक विभाग देश में रीइंप्लांटेशन (कटे हुए अंगों को दोबारा जोडऩे) का प्रमुख केंद्र बन चुका है।
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