
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में रेल बजट को 18 गुना बढ़ाया गया है। प्रदेश में पिछले 10 वर्षों में 5,200 किलोमीटर की नई रेल पटरियाँ बिछाई गई हैं, जो स्विट्जरलैंड और बेल्जियम के कुल रेलवे ट्रैक की लंबाई से भी अधिक हैं। रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भारत सरकार अश्विनी वैष्णव ने 3 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश में रेल परियोजनाओं के लिए रिकॉर्ड बजट आवंटन की घोषणा की और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुल 1,04,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में दोहरी लाइन, तीसरी लाइन, अमृत भारत स्टेशन जैसी परियोजनाओं का काम तेजी से पूरा हो रहा है। इस बजट में प्रदेश के लिए 19,858 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो यूपीए सरकार के दौरान (2009-2014) आवंटित राशि से 18 गुना अधिक है।रेल मंत्री ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 10 वर्षों में 5,200 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकृत रेल परियोजनाओं के समय से पूरा होने में विशेष भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कानपुर में एलिवेटेड ट्रैक परियोजना की अड़चनों को दूर किया, जिससे परियोजना में तेज़ी आई।उत्तर प्रदेश में 157 स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में 14 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन 20 जिलों से होकर किया जा रहा है, जिनका ठहराव 25 स्टेशनों पर होगा। इसके अलावा, दरभंगा से आनंद विहार टर्मिनल के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस के 10 स्टेशनों पर ठहराव किया गया है।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में 4800 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क में कवच प्रणाली लागू की जा रही है, जो आगामी छह वर्षों में सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर लागू हो जाएगी।महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे, सुश्री सौम्या माथुर ने गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास के कार्यों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही सहजनवा, दोहरीघाट, घुघली, महराजगंज, आनंद नगर, और खलीलाबाद-बहराइच नई लाइन निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009-14 में आवंटित पूंजीगत व्यय ₹45,900 करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय रेल पर ₹2,65,200 करोड़ का आवंटन किया गया है। रेल मंत्रालय ने संरक्षा के लिए ₹1,16,514 करोड़, रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज के लिए ₹7,000 करोड़ तथा ट्रैक रिन्यूवल के लिए ₹22,800 करोड़ का बजट आवंटित किया है।
साथ ही, यात्रियों की सुविधाओं के लिए 17,500 गैर वातानुकूलित सामान्य कोचों का निर्माण किया जाएगा, और अगले पांच वर्षों में सभी पुराने कोचों को एलएचबी कोचों से बदला जाएगा। इसके अतिरिक्त, वंदे स्लीपर ट्रेन का परीक्षण भी किया जा रहा है।इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे श्री दिनेश कुमार सिंह, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) श्री अभय कुमार गुप्ता, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री पंकज कुमार सिंह और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।