कौशांबी। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले सराय अकील थाना क्षेत्र के मिन्हाजपुर गांव में संचालित मनोरोगी आश्रय स्थल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है।इस संस्था में काम कर चुके अंसार अहमद ने आरोप लगाया है कि संस्था का संचालक मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी करता है। अंसार ने आरोप लगाया कि शव को परिसर में ही जमीन के नीचे दफन कर दिया जाता है, हालांकि एक सच ये भी है की बीती 23 अक्तूबर को ट्रस्ट संचालक मेहंदी अली ने आरोप लगाने वाले अंसार पर एक एफआईआर दर्ज करवाई है,जिसमें अंसार पर सरेबाजार मेहंदी की पत्नी से बदसलूकी,मेहंदी से मारपीट और छोटी बच्ची के साथ भी मारपीट जैसे आरोप शामिल हैं।इस घटना के चंद रोज़ बाद ही अब अंसार अहमद ने मेहंदी पर मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं,जिसके बाद कौशांबी जिलाधिकारी ने मामले में टीम गठित कर जांच के आदेश दे दिए हैं।
पुलिस हुई अलर्ट
मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी का मामला शनिवार को सामने आया तो पुलिस भी अलर्ट हो गई है। पुलिस और एलआईयू मिलकर मनोरोगी आश्रय संचालक की कुंडली खंगालने में जुटी है ताकि पूरा सच सामने आ सके।
लगभग पौने दो बीघे में बना ये आश्रम 2018 में दान में ट्रस्ट के डायरेक्टर मेहंदी अली राजपूत को मिला था,जो साल 2017 तक प्रयागराज का रहने वाला अनुज प्रताप सिंह हुआ करता था।इस दौरान अनुज ने मुस्लिम लड़की से निकाह कर लिया और इस्लाम कुबूल कर लिया।अनुज से मेहंदी बन चुके इस व्यक्ति का कहना है कि जो भी आरोप उसके ऊपर लगाए गए हैं वो पूरी तरह से गलत और उसे फंसाने के इरादे से लगाए गए है। वो खुद सीएम योगी से इस मामले में विस्तृत जांच की अपील कर रहा है।
मेहंदी का क्या कहना है
मेहंदी का कहना है कि इलाके में लोग उसको इसलिए नहीं पसंद करते क्योंकि वो मुस्लमान है, जबकि मुस्लिम इसलिए पसंद नहीं करते क्योंकि वो हिन्दू से मुस्लिम बना है। मेहंदी का कहना है कि उसके ट्रस्ट में इस वक्त 21 मनोरोगी हैं, जिसमें 9 महिलाएं और 12 पुरुष हैं। ज्यादातर प्रशासन और पुलिस के माध्यम से ही उसे मनोरिगी मिलते हैं, जबकि कई बार सड़क पर मिले रोगियों को भी वो आश्रम ले आया है।
मेंहदी का कहना है कि पिछले दो सालों में आश्रम में एक शख्स की मौत हुई है। जून 2023 में हुई मौत के बाद ट्रस्ट ने इसकी लिखित जानकारी डीएम और एसपी के साथ जिला विकलांग कल्याण अधिकारी को भी दी थी।मृतक का अंतिम संस्कार प्रयागराज के विद्युत शव गृह में हुआ था।इलाज के लिए जिस भी सरकारी अस्पताल में ट्रस्ट ने पेशेंट को दिखवाया, जहां-जहां सभी जरूरी जांचे हुईं एक-एक रिकॉर्ड ट्रस्ट के पास मौजूद है। यहां तक कि मृत्यु के दौरान और ज़िन्दा रहने तक की हर फोटो फाइल में अपडेट है।
बता दें कि प्रशासन और पुलिस ने बेहद सनसनीखेज आरोपों की जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद सच भी सामने जरूर आएगा,लेकिन ऐसे सनसनीखेज आरोपों ने एक बार फिर से पूरे इलाके को सन्न जरूर कर दिया है।One umbreala नाम के इस ट्रस्ट को साल 2018 में बनाया गया था और इसकी ज्यादातर फंडिंग दोस्तों और करीबी लोगों से होती है। कई बार सरकार की योजनाओं के तहत भी ट्रस्ट को पैसा मिलता है।