
न्यूयॉर्क। एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेसएक्स(Space X) कंपनी द्वारा भेजे गए सैटेलाइट्स दुनिया के लिए खतरा बने हुए है। जिन्हें लांच करके कुदरत से खिलवाड़ किया जा रहा है। पिछले दिनों अंतरिक्ष में सैटेलाइट में विस्फोट हुआ था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन जलते सैटेलाइट्स से निकलने वाले एल्यूमिनियम ऑक्साइड कण लंबे समय तक वातावरण में रह सकते हैं और ओजोन परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इसे पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा बताया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जब ये सेटेलाइट्स वातावरण में पुन: प्रवेश करते हैं तो इनसे निकलने वाले एल्युमिनियम ऑक्साइड के कण ऊपरी वायुमंडल यानी समताप मंडल में जाकर बस जाते हैं। यह वही परत है जो पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है। शोध के अनुसार यह एल्युमिनियम ऑक्साइड ओजोन परत को नुकसान पहुंचा सकता है। जिससे भविष्य में गंभीर पर्यावरणीय दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक इस समय अंतरिक्ष में 28,000 से अधिक वस्तुएं मौजूद हैं जिनमें अधिकांश निम्न पृथ्वी कक्षा में हैं। स्पेसएक्स अब तक लगभग 8000 स्टारलिंक सेटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है और इसे 12,000 और भेजने की अनुमति मिली हुई है। वहीं अन्य कंपनियां भी हजारों सेटेलाइट्स लॉन्च करने की योजना बना रही हैं। जिससे भविष्य में यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
दरअसल, जब सेटेलाइट्स वातावरण में फिर से प्रवेश करते हैं तो वे लगभग 27,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करते हैं। इस दौरान अत्यधिक घर्षण के कारण वे तुरंत जल जाते हैं और इनके धातु वाष्पीकृत हो जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार जलने की इस प्रक्रिया में सेटेलाइट्स का 40% एल्युमिनियम ऑक्साइड में बदल जाता है। रिसर्च के मुताबिक एक स्टारलिंक सेटेलाइट औसतन 250 किलोग्राम का होता है और उसके जलने से लगभग 30 किलोग्राम एल्युमिनियम ऑक्साइड उत्पन्न होता है जो महीनों से लेकर वर्षों तक वातावरण में बना रह सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि 2016 से 2022 के बीच एल्युमिनियम ऑक्साइड कणों की मात्रा आठ गुना बढ़ गई है। यदि सेटेलाइट्स इसी गति से लॉन्च होते रहे तो 2050 तक यह मात्रा 646% तक बढ़ सकती है जिससे ओजोन परत को अपूरणीय क्षति हो सकती है।