
HMPV virus in India: ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि सर्दियों के मौसम में दशकों से कई देशों में पाया जाता रहा है। यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और निमोनिया जैसी स्थिति पैदा कर सकता है। चीन में इसके हाल ही में बढ़ने को लेकर चिंता जताई गई है, लेकिन भारत में यह वायरस पहले से ही मौजूद है।
HMPV के लक्षण और प्रभाव
यह वायरस आमतौर पर 24 महीने तक के बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इसके मुख्य लक्षण सर्दी, खांसी और बुखार हैं। हालांकि, यह आमतौर पर खतरनाक नहीं होता है और कई लोगों को संक्रमित होने के बाद इसके बारे में पता भी नहीं चलता।
चीन में अचानक फैला और भारत में स्थिति
चीन में HMPV के मामलों में वृद्धि ने इसे लेकर सतर्कता बढ़ा दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस वायरस ने भारत में कोई गंभीर संकट पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस आमतौर पर श्वसन तंत्र में फैलता है, जिससे इसके तेजी से फैलने की संभावना कम हो जाती है।
भारत में हर साल लोग संक्रमित होते हैं
भारत में, 2005 से 2007 के बीच एम्स में 662 मामलों में से 21 लोगों में HMPV संक्रमण पाया गया था। इससे पता चलता है कि भारत में हर साल करीब 4% लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में एचएमपीवी से संक्रमित लोगों की मौजूदा संख्या 7 है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि HMPV के लिए बहुत कम मामलों में ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है और उचित सावधानियों से इसके जोखिम को रोका जा सकता है। HMPV के लिए कोई विशेष एंटीवायरल ट्रीटमेंट नहीं है बल्कि इसके प्रसार को रोककर ही इससे बचा जा सकता है।
संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए और इससे बचे रहने के लिए इन तरीकों को अपना सकते हैं-
- अपने हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
- साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
- ऐसे व्यक्तियों से दूर रहें जिनमें श्वसन संबंधी बीमारी के लक्षण दिखें।
- बार-बार छूई जाने वाली सतहों, जैसे कि दरवाजे के हैंडल, फोन और काउंटरटॉप्स को साफ करते रहें।
- संक्रमण फैलने वाले या फ्लू के मौसम के दौरान मास्क पहनने से श्वसन बूंदों के संपर्क को कम करने में मदद मिल सकती है।
- यदि आपमें कोई लक्षण हों तो टेस्ट कराएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
सीडीसी के अनुसार, HMPV खांसने या छींकने से निकलने वाले ड्रापलेट्स, हाथ मिलाने, किसी को स्पर्श करने, नजदीकी संपर्क में आने, दूषित सतहों पर हाथ लगाने, मुंह, नाक या आंखों को छूने से फैलता है। खांसी और बहती हुई नाक, बुखार, गले में खराश, गले में जलन या कुछ मामलों में सांस लेने में कठिनाई ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के सामान्य लक्षण हैं. कुछ मामलों में संक्रमण ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा के लक्षणों में भी तब्दील हो सकता है।